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फीस वृद्धि की जांच के लिए आठ टीमें बनीं

निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी की जांच कर रही समिति ने सोमवार को आठ टीमों का गठन किया। ये टीमें स्कूलों में जाकर जांच करेंगी। टीम में लेखा अधिकारी भी होंगे। टीम आय-व्यय के ब्योरों की जांच करेगी। साथ ही...

फीस वृद्धि की जांच के लिए आठ टीमें बनीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 May 2017 07:20 PM
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निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी की जांच कर रही समिति ने सोमवार को आठ टीमों का गठन किया। ये टीमें स्कूलों में जाकर जांच करेंगी। टीम में लेखा अधिकारी भी होंगे। टीम आय-व्यय के ब्योरों की जांच करेगी। साथ ही फीस बढ़ोतरी करते समय कितने अभिभावकों से बातचीत हुई, इसे भी देखा जाएगा। जांच समिति का कहना है कि 11 मई तक जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।

निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने के विरोध के बाद जिलाधिकारी ने जांच समिति गठित की थी। एडीएम एफआर राजेश कुमार की अगुवाई में गठित समिति में डीआईओएस और बीएसए शामिल हैं। इस समिति को 11 मई तक अपनी रिपोर्ट देनी है। समिति ने 18 व 26 अप्रैल को अभिभावकों और स्कूल संचालकों के साथ बैठक की। बैठक में दोनों पक्षों की बात सुनी गई। जिन अभिभावकों ने शिकायत दी, उनको भी जांच में शामिल किया गया। समिति के पास 28 स्कूलों की शिकायतें आई हैं। ये टीमें सभी स्कूलों में जाकर मामले की जांच करेंगी।

इन मुद्दों पर दिखा मतभेद

स्कूल संचालकों और अभिभावकों के साथ समिति की बैठक में कई मुद्दों पर मतभेद दिखा। स्कूल संचालक वार्षिक शुल्क वसूलने पर अड़े थे, जबकि अभिभावक इसे गलत बताते रहे। इसी तरह फीस बढ़ोतरी का अभिभावकों ने विरोध किया तो संचालकों ने इसे सही ठहराया। अभिभावकों ने स्कूल संचालकों पर सीबीएसई के नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद समिति ने जांच पूरी होने तक वार्षिक शुल्क लेने पर रोक लगाते हुए बढ़ी फीस नहीं लेने के लिए कहा।

टीमें स्कूलों में जाएंगी

एडीएम एफआर राजेश कुमार ने बताया कि आठ टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें स्कूलों में जाकर जांच करेंगी। जिन बिंदुओं पर जांच होगी, वो तय कर दिए गए हैं। सीबीएसई के मुताबिक अगर स्कूल फीस बढ़ाता है तो उसे अभिभावकों की अनुमति लेनी पड़ती है। इस बिंदु को भी मौके पर देखा जाएगा। टीम में लेखा अधिकारी भी रहेंगे। वह स्कूल का आय-व्यय भी देखेंगे। उन्होंने कहा कि जांच में सभी बिंदुओं को देखा जाएगा।

डीपीएसजी को प्रशासन ने नोटिस भेजा

गाजियाबाद। दिव्यांग छात्रा को प्रवेश नहीं देने पर प्रशासन ने डीपीएसजी मेरठ रोड को नोटिस भेजा है। प्रशासन ने पूछा है कि आखिर बच्ची को प्रवेश क्यों नहीं दिया गया है। वहीं, छात्रा के परिजन सोमवार को जिलाधिकारी से मिले और न्याय की गुहार लगाई।

क्रासिंग रिपब्लिक में रहने वाली रनिता सिंह अपनी दिव्यांग बेटी को डीपीएसजी मेरठ रोड में 11वीं में प्रवेश दिलाने के लिए स्कूल से संपर्क किया। रनिता ने बताया कि स्कूल ने उसकी जांच परीक्षा ली, जिसमें वो पास हो गई। इसके बाद भी प्रवेश नहीं मिला। उन्होंने राज्य मंत्री अतुल गर्ग से मुलाकात कर इसकी शिकायत की थी। छात्रा की मां रनिता सिंह सोमवार को डीएम से मिलीं और अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने एडीएम एफआर राजेश कुमार को मामले की जांच कराने के लिए कहा। एडीएम ने स्कूल को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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