दलाई लामा के स्वागत में सज धजकर तैयार हुआ बोगया
कालचक्र पूजा में शामिल होने बोधगया आज पहुंचेंगे दलाई लामापटना एयरपोर्ट से विशेष विमान से पहुंचेंगे गयाबोधगया। निज संवाददाता34वीं कालचक्र पूजा की तैयारी बोधगया में लगभग पूरी हो चुकी है। कालचक्र पूजा...
कालचक्र पूजा में शामिल होने बोधगया आज पहुंचेंगे दलाई लामापटना एयरपोर्ट से विशेष विमान से पहुंचेंगे गयाबोधगया। निज संवाददाता34वीं कालचक्र पूजा की तैयारी बोधगया में लगभग पूरी हो चुकी है। कालचक्र पूजा की अगुवाई करने के लिए बुधवार को बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा बोधगया आयेंगे। उनके स्वागत के लिए बोधगया सज धजकर तैयार है। धमगुरु के स्वागत में बौद्ध लामाओं ने पूरी तैयारी की है। दोपहर ढाइ बजे दलाई लामा स्पेशल फ्लाइट से पटना से गया एयरपोर्ट उतरेंगे। वहां से कड़ी सुरक्षा घेरे में सड़क मार्ग से अपने प्रवास स्थल तिब्बत मंदिर पहुंचेंगे। दुमोहान से लेकर प्रवास स्थल तक उनके अनुयायी फूलों की पंखुरियों से स्वागत करने के लिए कतारबद्ध रहेंगे। उनके प्रवास स्थल और महाबोधि मंदिर को रंगीन बल्बों और पंचशील पताखों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। पूजा स्थल कालचक्र मैदान में पंडाल बनकर तैयार हो चुका है। उनके आगमन को देखते हुए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये हैं। दलाई लामा के प्रवास स्थल को उनकी सुरक्षा कर्मियों ने अपने सुरक्षा के घेरे में ले लिया है। दलाई लामा के प्रवास स्थल, पूजा स्थल और महाबोधि मंदिर के एरिया को अभेद्य सुरक्षा घेरे में रखा गया है। दो जनवरी से दलाई लामा कालचक्र पूजा का शुभारंभ करेंगे। पूजा में भाग लेने के लिए दो लाख श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने की उम्मीद है। कालचक्र पूजा में चत्ति यानी आत्मा को बुद्धत्त्व प्राप्ति के लायक शुद्ध और सशक्त बनाने जैसा आध्यात्मिक अभ्यास कराया जाता है। तांत्रिक साधना जैसे इस तब्बिती धार्मिक अनुष्ठान को दलाई लामा ने वश्वि-शांति और मानवीय सदभाव की कामना से जोड़कर एक ख़ास आयाम दिया है। 14 जनवरी को पूजा समाप्त होगी। वैसे, इस बार बोधगया में कालचक्र पूजा के दो रंग-रूप एक दूसरे पर हावी होते हुए दिख रहे हैं। नोटबंदी सैलानियों के लिए पीड़ा बन गई है। इसके कारण श्रद्धालुओं की तादाद में कमी हुई है।