फोटो गैलरी

Hindi Newsमौसा के नलकूप पर सोता मिला अपहृत किसान

मौसा के नलकूप पर सोता मिला अपहृत किसान

बकेवर बाजार सुतली खरीदने निकले और फिर अपहरण हुए किसान को पुलिस ने रविवार को जहानाबाद थाना क्षेत्र के कुशल का डेरा स्थित उसके मौसा के नलकूप से बरामद कर लिया। बिंदकी कोतवाली के गंधर्पी गांव निवासी...

मौसा के नलकूप पर सोता मिला अपहृत किसान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 05 Mar 2017 10:41 PM
ऐप पर पढ़ें

बकेवर बाजार सुतली खरीदने निकले और फिर अपहरण हुए किसान को पुलिस ने रविवार को जहानाबाद थाना क्षेत्र के कुशल का डेरा स्थित उसके मौसा के नलकूप से बरामद कर लिया।

बिंदकी कोतवाली के गंधर्पी गांव निवासी अनीस उत्तम किसानी करता है। वह दो दिन पहले अपने खेत निकला और फिर वहां से सुतली खरीदने के लिए बकेवर बाजार। इसके बाद वह घर नहीं लौटा। परिजन परेशान हुए और खोजबीन करने में लगे तो उसके बारे में बकेवर बाजार में कोई जानकारी नहीं दे सका। शनिवार को अनीस के भाई राजू के मोबाइल पर एक नंबर से फोन आया और बताया कि भाई का अपहरण कर लिया गया है और 25 लाख रुपए देने पर ही उसकी जान बचेगी। यह सुनकर उसने तुरंत पुलिस को खबर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस रात में फोन करने वाले को ट्रेस करते हुए चित्रकूट पहुंची लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं मिला। सुबह जहानाबाद थाना क्षेत्र के कुशल का डेरा निवासी रामस्वरूप के नलकूप पर पहुंचे एक व्यक्ति ने देखा कि अनीस वहां सो रहा है। ऐसे में उसने परिजनों को बताया और परिजनों ने फिर पुलिस को सूचना दी। जहानाबाद व बिंदकी पुलिस वहां पहुंची और अनीस को लेकर थाने आ गए।

अनीस ने कहा अपहरण ही किया गया

अनीस ने पुलिस को बताया कि वह जब वह बकेवर बाजार पहुंचा तो वहां एक कार से तीन लोग पहुंचे और उसे तमंचा लगाकर कार में बैठा लिया। इसके बाद उसे कुछ भी याद नहीं कि वह जहानाबाद कैसे पहुंचा। उसका मोबाइल भी गायब मिला। बता दें कि अनीस के पास दो पिकअप हैं जो एक दूध डेयरी में लगी हैं। फिलहाल पुलिस ने पूछताछ के बाद अनीस को परिजनों को सौंप दिया है।

पुलिस के अनुसार क्या है कहानी

पूछताछ के बाद पुलिस ने जो निष्कर्ष निकाला वह कुछ इस तरह था। बताया कि अनीस के ऊपर काफी कर्जा है और वह कर्ज उतारने के लिए एकमुश्त रकम प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था। ऐसे में वह जब बकेवर बाजार के लिए निकला तो वहां न जाकर वह सीधे इटावा फिर दिल्ली, गुड़गांव पहुंचा और फिर चित्रकूट आ गया। उसने अपने निजी मोबाइल में दो नए सिमकार्ड डालकर राजू के मोबाइल पर फोन किया और अपहरण व फिरौती की रकम मांगी। जब पुलिस नंबरों को ट्रेस करते हुए चित्रकूट पहुंची तो अनीस ने मोबाइल चित्रकूट में कहीं फेंक दिया और फिर चुपचाप अपने मौसा रामस्वरूप के नलकूप पर पहुंचा और सो गया। बताया गया कि जिस नंबर से राजू को फोन आया था, जब उस नंबरों के जरिए मोबाइल की जांच हुई तो वह राजू का मोबाइल निकला। जिसका वह प्रयोग कर रहा था। उसका आईएमईआई नंबर मैच कर रहा था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें