Birthday Special: उतार चढ़ाव से भरा रहा बॉलीवुड के छोटे नवाब का फिल्मी सफर
बॉलीवुड के छोटे नवाब सैफ अली खान आज 45 वर्ष के हो गए। सैफ अली खान को एक ऐसे बहुआयामी अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जो पिछले दो दशकों से नायक, सहनायक और खलनायक के किरदार के जरिये सिने प्रेमियों...
बॉलीवुड के छोटे नवाब सैफ अली खान आज 45 वर्ष के हो गए। सैफ अली खान को एक ऐसे बहुआयामी अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जो पिछले दो दशकों से नायक, सहनायक और खलनायक के किरदार के जरिये सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाए हुए हैं।
16 अगस्त 1970 को दिल्ली में जन्में सैफ अली खान को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शर्मिला टैगोर फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री रही जबकि पिता नवाब पटौदी क्रिकेटर रहे हैं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे। photo1
सैफ अली खान ने अपनी शिक्षा अमेरिका के मशहूर वेनचेस्टर कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेता अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘परपंरा’ से की। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। photo2
वर्ष 1993 में सैफ अली खान की ‘पहचान’ और ‘आशिक आवारा’ जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुई। हालांकि फिल्म 'पहचान' की सफलता का श्रेय अभिनेता सुनील शेट्टी को अधिक दिया गया। फिल्म 'आशिक आवारा' में निभाये गए चरित्र के लिए सैफ नवोदित अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गए। photo3
सैफ अली खान के सिने करियर में वर्ष 1994 अहम साबित हुआ। इसी वर्ष उनकी ‘ये दिल्लगी’ और ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। दोनो फिल्मों में उनकी जोड़ी अभिनेता अक्षय कुमार के साथ काफी सराही गयी। खास तौर पर फिल्म 'मैं खिलाडी तू अनाड़ी' में अक्षय कुमार और सैफ अली खान की जोड़ी ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत 'मै खिलाड़ी तू अनाड़ी' दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। photo4
वर्ष 1995 से 1998 तक का वक्त सैफ अली खान के सिने करियर के लिए बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी 'यार गद्दार', 'आओ प्यार करे', 'दिल तेरा दीवाना', 'बंबई का बाबू', 'एक था राजा', 'तू चोर मैं सिपाही', 'हमेशा', 'उड़ान', 'कीमत' जैसी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गयी। हालांकि 'इम्तिहान' और 'सुरक्षा' जैसी फिल्मों ने टिकट खिड़की पर औसत व्यापार किया लेकिन इनसे सैफ अली को कुछ खास फायदा नहीं मिला। photo5
वर्ष 1999 सैफ अली खान के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी 'कच्चे धागे', 'हम साथ साथ हैं' जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुई। इन फिल्मों में सैफ अली खान के अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। फिल्म 'कच्चे धागे' में जहां सैफ अली खान ने संजीदा अभिनय किया वहीं 'हम साथ-साथ हैं' में उन्होंने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शकों का दिल जीत लिया। photo6
वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म 'दिल चाहता है' सैफ अली खान के सिने करियर की अहम फिल्मों में एक है। फरहान अख्तार के निर्देशन में तीन दोस्तों की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में उनके साथ आमिर खान और अक्षय खन्ना जैसे मंजे हुए सितारे थे लेकिन सैफ ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों के साथ ही समीक्षकों का भी दिल जीतने में सफल रहे। photo7
वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म 'कल हो ना हो' सैफ अली खान के सिने करियर की सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती हैं। यश जौहर के बैनर तले बनी इस फिल्म में उनके सामने शाहरुख खान थे बावजूद इसके सैफ अली खान दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गए। photo8
वर्ष 2004 में प्रदर्शित फिल्म 'हम तुम' सैफ अली खान के सिने करियर की सर्वाधिक महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। अपने दमदार अभिनय के लिए सैफ जहां सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गए। वही उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। photo9
वर्ष 2006 में सैफ अली खान के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म 'ओंकारा' प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में सैफ अली खान ने लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाया। यूं तो यह किरदार ग्रे शेड्स लिए हुए था, इसके बावजूद वह दर्शकों की सहानुभूति प्राप्त करने में सफल रहे। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गए। photo10
वर्ष 2009 में सैफ अली खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और 'लव आज और कल' का निर्माण किया। सैफ की आने वाली अन्य फिल्मो में 'फैंटम' प्रमुख है।