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अरशद की आफत बनी ‘लल्ला-लल्ला लोरी’

यूं तो बच्चों पर बने गानों की मदद से फिल्म प्रमोट करना बॉलीवुड निर्माताओं का दस्तूर पुराना है, लेकिन कभी-कभी यह फॉर्मूला निर्माताओं की मुसीबत बन जाता है। इसका हालिया उदाहरण है अरशद वारसी की फिल्म...

अरशद की आफत बनी ‘लल्ला-लल्ला लोरी’
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 21 May 2015 12:50 PM
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यूं तो बच्चों पर बने गानों की मदद से फिल्म प्रमोट करना बॉलीवुड निर्माताओं का दस्तूर पुराना है, लेकिन कभी-कभी यह फॉर्मूला निर्माताओं की मुसीबत बन जाता है। इसका हालिया उदाहरण है अरशद वारसी की फिल्म ‘वेलकम टू कराची’ का गाना ‘लल्ला-लल्ला लोरी’। दरअसल सामाजिक कार्य से जुड़े एक एनजीओ ने इस गाने को बैन करने की मांग की है।

बच्चों पर बुरा असर
पहले लल्ला-लल्ला लोरी के जरिए दर्शकों से वाहवाही बटोरने वाले अरशद को अब अपनी फिल्म के इस गाने के लिए कई समाज सेवा से जुड़े संगठनों की आलोचनओं का सामना करना पड़ रहा है। गैर सरकारी संगठनों का मानना है कि अरशद के इस गाने से समाज और खासतौर से बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। साथ ही यह शराब पीने को बढ़ावा देता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। फिल्म वेलकम टू कराची 21 मई को रिलीज होने वाली है।

यूट्यूब पर भले ही अरशद वारसी, जैकी भगनानी और लॉरेन गोटलिब स्टारर फिल्म वेलकम टू कराची के गाने लल्ला-लल्ला लोरी, दारू की कटोरी को लाखों हिट्स और लाइक्स मिल चुके हों, लेकिन इस गाने में जिन लाइनों का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें लेकर सिटिजंस फॉर बेटर इंडिया नाम के एक एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई है।

इस गाने पर बच्चों को भरमाने और गलत दिशा में ले जाने का आरोप लगाया गया है। लिहाजा इस पर बैन लगाने की मांग की गई है। इस गाने पर शराब पीने को बढ़ावा देने और ‘लल्ला-लल्ला लोरी, दूध की कटोरी’ जैसी नर्सरी राइम के बोल बिगाड़ने का आरोप भी लगा है।

इस गाने को फिल्म से हटाने के साथ ही और टीवी चैनलों पर इसके विज्ञापन पर भी रोक लगाने को कहा है। अब देखना होगा कि क्या इस एनजीओ के आदेश पर फिल्म के निर्माता कुछ एक्शन लेते हैं कि नहीं। हालांकि अभी तक फिल्म से जुड़े लोगों की ओर से कोई टिप्पणी भी नहीं आई है।

लपेटे में था जॉनी-जॉनी
इससे पहले अक्षय कुमार की फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ का गाना ‘जॉनी-जॉनी यस पापा..’ को लेकर अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन नाम के एक एनजीओ ने बॉलीवुड एसोसिएशन को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने फिल्म बिरादरी से बच्चों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की गुजारिश की थी। भले ही इस गाने को एक बिलकुल अलग अंदाज में पेश किया गया, लेकिन एनजीओ को फिल्म निर्माताओं का यह तरीका कतई पसंद नहीं आया था।

कार्यकर्ताओं का कहना था कि फिल्म के इस कविता बनाम गाने से जाहिरतौर पर बच्चों के दिमाग में गलत असर पड़ेगा, क्योंकि यह कविता बच्चों का सिर्फ मनोरंजन नहीं करती है बल्कि उन्हें संस्कृति, परिवार और जिंदगी का पाठ भी पढ़ती है, लेकिन फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ का गाना ‘जॉनी-जॉनी..’ बच्चों को कुछ और ही सिखाता है।

नया नहीं है ट्रेंड
फिल्मकार अपनी फिल्मों को हिट कराने और प्रमोशन में बच्चों से जुड़े गानों और कविताओं का इस्तेमाल हमेशा से करते रहे हैं। यही नहीं पिछले कुछ समय से फिल्मों को प्रमोट करने के लिए बच्चों के बीच लोकप्रिय कार्टून करैक्टर का भी सहारा लिया जा रहा है। अजय देवगन का गाना आती माझी सटकली, टीनेजर्स पर बनी रानी मुखर्जी की फिल्म मर्दानी, छोटा भीम, क्रिश का मास्क और वीडियो गेम इसी का उदाहरण है।

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