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जो भी हूं, खुद बना हूं

अरशद वारसी धीरे-धीरे स्टारडम से दूर होते जा रहे हैं। वह इन दिनों ‘द लीजेंड ऑफ माइकल मिश्रा’, ‘गुड्डू रंगीला’, ‘वेलकम टू कराची’ जैसी जिन भी फिल्मों में काम कर रहे...

जो भी हूं, खुद बना हूं
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Apr 2015 09:28 PM
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अरशद वारसी धीरे-धीरे स्टारडम से दूर होते जा रहे हैं। वह इन दिनों ‘द लीजेंड ऑफ माइकल मिश्रा’, ‘गुड्डू रंगीला’, ‘वेलकम टू कराची’ जैसी जिन भी फिल्मों में काम कर रहे हैं, उनकी चर्चा सिने बाजार में कम ही होती है। ऐसा माना जाता है कि बड़ी फिल्मों को ज्यादा तवज्जो न देने की वजह से उनके हाथ से स्टारडम फिसलता जा रहा है। ताजा मुलाकात में उन्होंने इस बारे में पूरी बेबाकी से अपनी बात रखी

-आप मल्टीस्टारर फिल्मों में खूब वाहवाही पा रहे थे, फिर इनसे मुंह क्यों मोड़ लिया?
‘हलचल’, ‘गोलमाल’, ‘डबल धमाल’ आदि एक दर्जन ऐसी फिल्में हैं, जिनमें काम करके बहुत मजा आया। आज भी मैं ऐसी फिल्मों में काम करने के लिए बेताब हूं, पर रोल भी तो होना चाहिए।

-क्या इसी वजह से आपने राजकुमार हिरानी की ‘पीके’ छोड़ दी थी?
बिल्कुल नहीं। मैं ऐसा सोच भी नहीं सकता। राजू मेरे अच्छे दोस्त हैं। उनकी फिल्म में मेरे लिए रोल अहम नहीं होता। सच कहूं तो ‘पीके’ छोड़ने का मुझे भी अफसोस है, पर चूंकि उन दिनों मैं ‘डेढ़ इश्किया’ की शूटिंग शुरू कर रहा था, इसलिए चाहते हुए भी ‘पीके’ में काम नहीं कर सका, पर उनकी मुन्नाभाई सिरीज के लिए जरूर वक्त निकाल रखा है।

-कहा जाता है कि आप अपनी ईगो की वजह से कई फिल्में मिस कर देते हैं?

यह ईगो तो थोड़ा-बहुत सभी लोगों में होता है, पर फिल्मों के सेलेक्शन में मेरा ईगो कभी सामने नहीं आता। फिर भी मैं यह कबूल करता हूं कि फिल्में चुनने में मुझसे कुछ चूक जरूर हुई। कई ऐसी फिल्में हैं, जो मुझे नहीं करनी चाहिए थीं।

-इधर नए निर्देशकों को बहुत प्रमोट कर रहे हैं। इस वजह से कई बड़े निर्देशक आपसे खफा है? 
इसे आप एक दिलचस्प संयोग कहिए कि ‘द लीजेंड ऑफ माइकल मिश्रा’, ‘गुड्डू रंगीला’, ‘वेलकम टू कराची’ जैसी जो भी फिल्में कर रहा हूं, उनके निर्देशक नामचीन नहीं हैं। अभी हाल में मैंने दो और ऐसी ही नई फिल्में साइन की हैं, जिनके निर्देशक नए हैं, मगर वे फ्रेश सब्जेक्ट के साथ मुझसे मिले। सबसे बड़ी बात यह थी कि वे पूरी तैयारी से मिले। खास तौर से एक युवा निर्देशक ने मुझे बहुत प्रभावित किया। मैंने तो उसमें अभी से भविष्य की उम्मीदें ढूंढ़नी शुरू कर दी हैं। मैं जल्द इनकी फिल्मों की घोषणा करूंगा।

-आरोप है कि आपने अपने व्यवहार से इंडस्ट्री में कई दुश्मन बना लिए हैं?
प्लीज, उन्हें दुश्मन मत कहिए। बस वे सब मेरे विचारों का विरोध करते हैं। मेरी मुश्किल यह है कि मैं दो टूक कहता हूं, जो कइयों को पसंद नहीं आता। मैं बड़े कलाकारों के काम की और उनके प्रति इंडस्ट्री के व्यवहार की खुल कर आलोचना करता हूं। मैंने बहुत मेहनत
की है।

पिछले दरवाजे से इंडस्ट्री में नहीं आया। डांस की समुचित शिक्षा ली है। डांस के कई अवॉर्ड जीत चुका हूं। डांसिंग स्कूल चलाया है। थियेटर काफी किया है। अच्छा जिमनास्ट हूं। जाहिर है जो भी हूं, खुद बना हूं। ऐसे में जब भी कोई मुझे डॉमिनेट करता है, मैं उसका विरोध करता हूं और तब वही व्यक्ति मुझे अपना विरोधी समझने लगता है। 

-आप आगे बढ़ने के लिए प्रचार का  कितना सहारा लेते हैं?
उतना ही, जितना जरूरी होता है। वैसे भी मैं पूछने पर सिर्फ अपने काम के बारे में बताता हूं। अब यह बाकी लोगों पर निर्भर करता है कि वे मेरे काम का क्या हिसाब-किताब लगाते हैं। मेरी कई फिल्मों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। बावजूद इसके मुझे जरा भी बुरा नहीं लगा। मगर हां, मेरे जैसे छोटे कलाकार के लिए अपने प्रशंसकों को यह बताना अवश्य जरूरी होता है कि मैं क्या कर रहा हूं।

-आपकी पत्नी मारिया आप पर बहुत नजर रखती हैं?
मारिया मेरी हर महिला दोस्त से वाकिफ है। शादी के इतने साल बाद मैं उसे यह बताने में सफल रहा हूं कि मैं सिर्फ उसका हूं। उसे तो फिल्मों में भी मेरा इंटीमेट सीन करना पसंद नहीं, पर बोलती कुछ नहीं, क्योंकि उसे पता है कि एक्टिंग मेरे जीवन का अटूट हिस्सा है। जहां तक महिला मित्रों का सवाल है, शो बिजनेस में पुरुष और महिला साथ मिल कर किसी प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देते हैं। और काम जितना दोस्ताना माहौल में होता है, उतना ही अच्छा होता है। मारिया इस बात को अच्छी तरह से समझती है।

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