अपनी आवाज से दिलों पर राज करने वाले सोनू निगम के BIRTHDAY पर सुनें उनके TOP 10 SONGS
स्टेज शो से अपने करियर की शुरुआत करके सफलता की बुलंदियों तक पहुंचने वाले हिन्दी सिनेमा के मशहूर सिंगर सोनू निगम 30 जुलाई 2016 को अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। सोनू के जन्मदिन के खास मौके पर जानिए...
स्टेज शो से अपने करियर की शुरुआत करके सफलता की बुलंदियों तक पहुंचने वाले हिन्दी सिनेमा के मशहूर सिंगर सोनू निगम 30 जुलाई 2016 को अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। सोनू के जन्मदिन के खास मौके पर जानिए सिंगर बनने के लिए शुरुआत से किए उनके संघर्ष के बारे में, साथ ही सुनें उनके बेहद फेमस गाने। ये हैं सोनू निगम के टॉप 10 गानें-
-'संदेशे आते है'
-'ये दिल दीवाना'
-'साथिया'
-'कल हो ना हो'
-'सूरज हुआ मद्धम'
-'अभी मुझ में कहीं'
-'तन्हाई'
-'दो पल रुका ख्वाबों का कारवां'
-'सो दर्द हैं'
-'अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का'
अपने गानों से आज भी श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे है सोनू निगम का जन्म हरियाणा के फरीदाबाद शहर में 30 जुलाई 1973 को हुआ। उनके पिता माता-पिता गायक थे। बचपन से ही सोनू निगम की दिलचस्पी संगीत की तरफ थी। इस दिशा में शुरुआत करते हुए उन्होंने अपने पिता के साथ महज तीन साल की उम्र से स्टेज कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया।
सोनू निगम 19 की उम्र में पार्श्वगायक बनने का सपना लेकर अपने पिता के साथ मुंबई आ गए। यहां वह जीवन यापन के लिए स्टेज पर मोहम्मद रफी के गाए गानों के कार्यक्रम पेश किया करते थे। इसी दौरान प्रसिद्ध कंपनी टी सीरीज ने उनकी प्रतिभा को पहचान कर उनके गाए गानों का एलबम 'रफी की यादें ' निकाला। सोनु निगम ने बतौर सिंगर अपने करियर की शुरूआत फिल्म 'जनम' से की लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म प्रदर्शित नही हो सकी। लगभग पांच सालों तक उन्होंने मुंबई में पार्श्वगायक बनने के लिए संघर्ष किया। इस बीच सोनू ने बी और सी ग्रेड फिल्मों में पार्श्वगायन किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।
सोनू के करियर के लिए साल 1995 अहम साबित हुआ और उन्हें छोटे पर्दे पर कार्यक्रम 'सारेगामा' में होस्ट के रूप में काम करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम से मिली लोकप्रियता के बाद वह कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। इस बीच उनकी मुलाकात टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से हुई जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान करके अपनी फिल्म 'बेवफा सनम ' में पार्श्वगायक के रूप में काम करने का मौका दिया। इस फिल्म में उनके गाए गीत 'अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का' उन दिनों श्रोताओ के बीच काफी हिट हुआ। फिल्म और गीत की सफलता के बाद वह पार्श्वगायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
बेवफा सनम के बाद सोनू को 'दिल से', 'सोल्जर', 'आ अब लौट चले', 'सरफरोश', 'हसीना मान जायेगी' और 'ताल' जैसी बड़े बजट की फिल्में मिलीं। इनकी सफलता के बाद उन्होंने नई बुलंदियों को छुआ और एक से बढक़र एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुंग्ध कर दिया। सोनू 1997 में अनु मलिक के संगीत निर्देशन में बार्डर फिल्म में पार्श्वगायन करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उन्होंने 'संदेशे आते है' गीत के जरिए अपने ऊपर लगे मोहम्मद रफी के नकल के ठप्पे को सदा के लिए मिटा दिया।
इसी साल सोनू को शाहरुख खान की फिल्म 'परदेस' में नदीम श्रवण के संगीत निर्देशन में 'ये दिल दीवाना' गाना गाकर युवाओं के बीच क्रेज भी बन गए। सोनू अब तक दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके है। सबसे पहले उन्हे 2002 में फिल्म साथिया के 'साथिया' गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद 2003 में फिल्म 'कल हो ना हो' के गीत 'कल हो ना हो'के लिए भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के फिल्म फेयर पुरस्कार के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया।
आमिर खान और शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले सोनू ने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में लगभग 320 फिल्मों के लिये गीत गाए है। उन्होंने हिन्दी के अलावा उर्दू, अंगेजी , तमिल, बंगला, पंजाबी, मराठी, तेलुगू, भोजपुरी, कन्नड़, ओडिया और नेपाली फिल्मों के गीतों के लिए भी अपनी आवाज दी है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सोनू निगम ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया है। उन्होनें प्यारा दुश्मन, कामचोर, उस्तादों के उस्ताद, बेताब, हमसे है जमाना और तकदीर जैसी फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया है और जानी दुश्मन एक अनोखी प्रेम कहानी, लव इन नेपाल तथा काश आप हमारे होते जैसी फिल्मों में भी बतौर अभिनेता के रूप में काम कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है।
सोनू निगम पार्श्वगायन के अलावा सामाजिक उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाते रहे है और कई कल्याणकारी संगठनों से सदस्य के रूप में जुड़े हुए है। इनमें कैंसर रागियों कुष्ठ रोगियों और अंधों के कल्याण के लिए चलायी जाने वाली संस्था खास तौर पर उल्लेखनीय है। इसके अलावा सोनु निगम ने कारगिल युद्ध के पीडित परिवारों और बच्चों के उत्थान के लिये चलायी जाने वाली संस्था 'क्रेआन 'में भी सक्रिय योगदान दिया है।