Movie Review: पढ़ें कैसी है तापसी की 'रनिंग शादी'
एक ऐसी वेबसाइट, जो भागकर शादी करने में प्रेमी जोड़ों की मदद करती है। विषय सुनने में दिलचस्प लगता है, पर खराब ट्रीटमेंट और कमजोर कहानी की वजह से फिल्म भटक गई है। फिल्म की लीड अभिनेत्री तापसी पन्नू
एक ऐसी वेबसाइट, जो भागकर शादी करने में प्रेमी जोड़ों की मदद करती है। विषय सुनने में दिलचस्प लगता है, पर खराब ट्रीटमेंट और कमजोर कहानी की वजह से फिल्म भटक गई है। फिल्म की लीड अभिनेत्री तापसी पन्नू की पिछली फिल्म 'पिंक' के बाद उनसे उम्मीदें बढ़ गई थीं, लेकिन इस फिल्म में वह उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरतीं। वहीं फिल्म 'सुल्तान' में एक अच्छी भूमिका निभाने के बाद अमित साध ने भी काफी प्रशंसक जुटा लिए थे, पर इस फिल्म में उनका काम भी कोई असर नहीं छोड़ता।
फिल्म की मूल कहानी यह है कि एक दुकान में काम करने वाले सेल्समैन को अपने मालिक की बेटी से प्यार हो जाता है। प्यार परवान चढ़ता है और तमाम नाटकीय घटनाक्रमों के बाद दोनों घर से भाग जाते हैं। कुछ याद आया? यकीनन ऐसी कहानियां आप हिंदी फिल्मों में कई मर्तबा सुन चुके हैं। अगर फिल्म के वेबसाइट वाले हिस्से को हटा दें तो फिल्म में सारा पुराना मसाला ही है। अपना हीरो राम भरोसे (अमित साध) एक शादी में जाता है। जिस लड़की की शादी हो रही होती है, वह अपने प्रेमी के साथ भाग जाती है। दुर्भाग्यवश दोनों पकड़े जाते हैं और प्रेमी की जमकर पिटाई कर दी जाती है।
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इस घटना से राम भरोसे को आइडिया आता है कि क्यों न भाग कर शादी करने के इच्छुक प्रेमी-प्रेमियों की मदद करने के लिए एक वेबसाइट बनाई जाए! राम का दोस्त सरबजीत सिंह उर्फ साइबर (अर्श बाजवा) इसमें उसकी मदद करता है। राम जिस शोरूम में काम करता था, उसके मालिक की बेटी निम्मी (तापसी पन्नू) भी वेबसाइट के काम में उसकी मदद करती है। 'भगाएंगे हम, निभाएंगे आप टैगलाइन वाली इस तिकड़ी की वेबसाइट चल निकलती है और रफूचक्कर होकर शादी करने वालों की लाइन लग जाती है। वेबसाइट की इस कहानी के साथ-साथ राम और निम्मी की कहानी भी चलती है। पर इस कहानी से दर्शक खुद को जोड़ नहीं पाता।
एक बिंदास पंजाबी लड़की के किरदार में तापसी पन्नू जंची तो हैं, पर उन्होंने इस भूमिका को सार्थक बनाने के लिए सिर्फ अपने पंजाबी लहजे पर मेहनत की है। उनकी भाव-भंगिमाएं पूरी फिल्म में एक सी हैं। निम्मी के किरदार में अगर थोड़ी और विविधता होती तो कुछ बात बनती। वहीं बिहारी युवक का किरदार निभाते समय अगर अमित साध ने वहीं के हाव-भाव और लहजा अपनाया होता तो उनका रोल ज्यादा प्रभावी होता। अर्श बाजवा के हाव-भाव कहीं-कहीं असर छोड़ते हैं। फेसबुक के लाइक निशान के प्रिंट वाली उनकी पगड़ी उनके नाम (साइबर) के साथ मेल खाती है। बिहार और पंजाब की स्थानीय लोकेशन वाले कुछ सीन अच्छे हैं।
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फिल्म की रिलीज से कुछ दिन पहले ही कोर्ट के आदेश पर इसके नाम से 'डॉट कॉम' हटा दिया गया था। फिल्म में स्क्रीन पर जहां-जहां भी डॉट कॉम लिखा हुआ था, उसे ब्लर कर दिया गया है और डॉयलाग में जहां भी 'डॉट कॉम' बोला गया है, वहां बीप का इस्तेमाल किया गया है। चूंकि ऐसा फिल्म के कई दृश्यों में किया गया है, इसलिए इन्हें देखकर झल्लाहट होती है। फिल्म का संगीत औसत है।
रेटिंग- 1.5
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