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B'DY SPECIAL: 70 के हुए 'मेरे पास मां है' जैसे यादगार डायलॉग देने वाले जावेद

हिंदी सिनेमा के सबसे बढ़े पटकथा लेखकों में से एक जावेद अख्तर 17 जनवरी को 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। जावेद अख्तर ने हिंदी सिनेमा को ऐसे डायलॉग दिए हैं जो ताउम्र बॉलीवुड के लिए जिंदा रहेंगे। जावेद...

B'DY SPECIAL: 70 के हुए 'मेरे पास मां है' जैसे यादगार डायलॉग देने वाले जावेद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 17 Jan 2016 12:15 PM
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हिंदी सिनेमा के सबसे बढ़े पटकथा लेखकों में से एक जावेद अख्तर 17 जनवरी को 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। जावेद अख्तर ने हिंदी सिनेमा को ऐसे डायलॉग दिए हैं जो ताउम्र बॉलीवुड के लिए जिंदा रहेंगे। जावेद अख्तर के जन्मदिन के मौके पर एक नजर डालते हैं हिंदी फिल्म जगत को दिए यादगार डायलॉग पर-

1- आज खुश तो बहुत होंगे तुम

2- मैं  आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता

3- मेरे पास मां है

4- हमारे देश में काम ढूंढना भी एक काम है।


5- मैं जब भी किसी से दुश्मनी मोल लेता हूं तो सस्ते महंगे की परवाह नहीं करता।

6- जब तक बैठन को ना कहा जाए, शराफत से खड़े रहो... यह पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं है।

एक नजर जावेद अख्तर के करियर पर

जावेद अख्तर शायर, फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक तो हैं ही, सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में भी एक प्रसिद्ध हस्ती हैं। इनका जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था। वह एक ऐसे परिवार के सदस्य हैं जिसके ज़िक्र के बिना उर्दु साहित्य का इतिहास अधुरा रह जायगा। शायरी तो पीढ़ियों से उनके खून में दौड़ रही है।

जावेद अख्तर 1964 में को मुंबई आए थे। सलीम खान के साथ जावेद अख्तर की पहली मुलाकात 'सरहदी लुटेरा' फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थीं। सलीम खान और जावेद अख्तर को सलीम-जावेद बनाने का श्रेय डायरेक्टर एसएम सागर को जाता है। सलीम खान स्टोरी आइडिया देते थे और जावेद अख्तर डायलॉग लिखने में मदद करते थे। जावेद अख्तर उर्दू में ही स्क्रिप्ट लिखते थे, जिसका बाद में हिंदी ट्रांसलेशन किया जाता है।

70 के दशक में स्क्रिप्ट राइटर्स का नाम फिल्मों के पोस्टर पर नहीं दिया जाता था, लेकिन सलीम-जावेद ने बॉलीवुड में उन बुलंदियों को छू लिया था कि उन्हें कोई न नहीं कह सका और फिर तो पोस्टरों पर राइटर्स का भी नाम लिखा जाने लगा।

सलीम-जावेद की जोड़ी 1982 में टूट गई।  इन दोनों ने कुल 24 फिल्में एक साथ लिखीं, जिनमें से 20 हिट रहीं।  जावेद अख्तर को सात बार बेस्ट स्क्रिप्ट के लिए और सात बार बेस्ट लिरिक्स के लिए अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। जावेद अख्तर को 5 बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है।

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