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प्रवेश परीक्षा की कॉपी देख पाएंगे छात्र

दिल्ली विश्वविद्यालय में अब सभी स्नातकोत्तर कोर्स की प्रवेश परीक्षा का पुनर्मूल्यांकन होगा। परिणाम जारी होने के सात दिन के भीतर आवेदन करना होगा। संबंधित विभाग छात्र को फोटोकॉपी उपलब्ध कराकर जांच...

प्रवेश परीक्षा की कॉपी देख पाएंगे छात्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 03 Apr 2015 10:48 AM
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दिल्ली विश्वविद्यालय में अब सभी स्नातकोत्तर कोर्स की प्रवेश परीक्षा का पुनर्मूल्यांकन होगा। परिणाम जारी होने के सात दिन के भीतर आवेदन करना होगा। संबंधित विभाग छात्र को फोटोकॉपी उपलब्ध कराकर जांच करेगा। प्रत्येक पेपर के लिए 500 रुपये का शुल्क लगेगा। इससे लाखों आवेदकों को फायदा होगा।

नई नीति के तहत चार प्रक्रिया होगी। पहली प्रक्रिया में आंसरी-की (सवाल के जवाब) हासिल करनी होगी। विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित होने के 24 घंटे बाद परीक्षा की आंसर-की www.du.ac.in वेबसाइट पर जारी करेगा। कोर्स के हिसाब से आंसर-की डाउनलोड की जा सकती है। छात्र देख सकेंगे कि उन्होंने परीक्षा में कितने सवालों के सही जवाब दिए हैं। परीक्षा के सभी सवाल वस्तुनिष्ठ होंगे।

दूसरी प्रक्रिया में यदि किसी सवाल व जवाब में तकनीकी गड़बड़ी लगती है तो आंसर-की जारी होने के 48 घंटे के भीतर इस बाबत संबंधित विभाग को शिकायत दर्ज करानी होगी। हर विभाग एक ई-मेल आईडी जारी करेगा। शिकायत सही पाए जाने पर सवाल को बदले जाने या ग्रेसिंग मार्कस दिए जाने का प्रावधान किया गया है। तीसरी प्रक्रिया में उत्तर-पुस्तिका की फोटोकॉपी हासिल करनी होगी। परिणाम जारी होने के सात दिन के भीतर फोटोकॉपी हासिल करने के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए विभाग से एक फॉर्म मिलेगा। अहम बात यह है कि छात्र को फॉर्म खुद भरना होगा। अभिभावक व अन्य, छात्र के लिए आवेदन नहीं कर सकते। फॉर्म और एडमिट कार्ड विभाग प्रमुख से सत्यापित कराना होगा। ध्यान रहें एडिमड कार्ड पर छात्र को खुद के हस्ताक्षर करने होंगे। इसके बाद प्रत्येक पेपर के लिए 500 रुपये के शुल्क का भुगतान बैंक के डिमांड ड्राफ्ट के जरिये देना होगा। ड्रॉफ्ट the registrar university of delhi के नाम बनेगा। फोटोकॉपी आवेदन करने के 16 से 30 दिन के भीतर विभाग से मिलेगी।

फॉर्म भरने के बाद बदलाव संभव नहीं: स्नातकोत्तर के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है। admission.du.ac.in पर 30 अप्रैल तक फॉर्म भरे जाएंगे। जून माह में तमाम विभाग अपने-अपने कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेंगे। एक बार फॉर्म भरने के बाद दी गई जानकारी में बदलाव व सुधार संभव नहीं होगा।

यही नहीं, अगर दी गई जानकारी बाद में गलत पाई जाती है तो सीट रद्द हो जाएगी। ऐसी स्थिति से बचने के लिए जानकारी भरने से पहले अभ्यास के तौर पर एक कागज पर लिखें।

अंकों की होगी जांच
कॉपी हासिल करने पर छात्र को लगता है कि उसे कम अंक मिले हैं या फिर कोई सवाल जांचा नहीं गया है तो पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करना होगा। चौथी प्रक्रिया में फोटोकॉपी मिलने के सात दिन के भीतर आवेदन होगा। डीयू पुनर्मूल्यांकन के लिए अधिकतम दस दिन का समय लेगा। दिए गए अंकों की गिनती होगी। फिर उसके बाद हर सवाल को दोबारा से जांचा जाएगा।

शुल्क वापस नहीं होगा
यदि पुनर्मूल्यांकन में छात्र की शिकायत सही नहीं पाई जाती है तो उसे शुल्क वापस नहीं मिलेगा। इसके अलावा अगर अभिभावक की ओर से भी आवेदन किया गया तो उस स्थिति में भी शुल्क नहीं दिया जाएगा। फॉर्म तुरंत खारिज होगा। छात्रों को उसके डीयू खाते पर तमाम अपडेट मिलते रहेंगे। बता दें कि इस प्रक्रिया से लाखों आवेदकों को फायदा होगा।

खेल कोटे में अलग से करना होगा आवेदन
खेल कोटे की पांच फीसटी सीटें आरक्षित हैं। इस वर्ग में आवेदन करने वाले छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म जमा कराने के बाद ऑफलाइन फॉर्म भी जमा कराना होगा। दरअसल, अलग से फॉर्म जमा नहीं कराना होगा। जो ऑनलाइन फॉर्म भरा जाएगा उसकी एक कॉपी निकालकर संबंधित विभाग में जमा करानी होगी।

खेल में न्यूतनम तीन साल का अनुभव जरूरी
खेल के कई वर्ग हैं। क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, शतरंज व तीरंदाजी आदि। इन तमाम खेलों के तहत आवेदन करने के लिए छात्र का कम से कम तीन साल तक खेल खेला होना जरूरी है। प्रमाण के तौर पर सर्टिफिकेट जरूरी है। बिना सर्टिफिकेट के आवेदन नहीं किया जा सकता है।

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