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व्यक्तित्व गढ़ती भाषा

‘आपकी अदालत में’ काका यानी राजेश खन्ना की पेशी थी। काका की आदत का एक हिस्सा रहा है, काम के प्रति ईमानदारी। हम तीन जन सांझ से ही इसी विषय पर बात कर रहे थे- काका, फिल्म लेखक, निदेशक और...

व्यक्तित्व गढ़ती भाषा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 08 Feb 2017 11:24 PM
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‘आपकी अदालत में’ काका यानी राजेश खन्ना की पेशी थी। काका की आदत का एक हिस्सा रहा है, काम के प्रति ईमानदारी। हम तीन जन सांझ से ही इसी विषय पर बात कर रहे थे- काका, फिल्म लेखक, निदेशक और निर्माता बी आर इशारा। अगर रजत शर्मा ईमानदार रहे होते, तो पूरी अदालती कार्यवाही में वह कठघरे में होते और काका जिरह कर रहे होते। इतनी तैयारी करके गए थे। उसमें एक मोड़ था, भाषा पर। फिल्मवालों पर बातचीत करने दौरान एक हल्की बात बोल दी जाती है- आप तो फिल्मी अंदाज में बोल रहे हैं? काका को इसका जवाब इशारा साहब ने बताया था- फिल्मों में रहा हूं, और हूं, तो हम कसाई की भाषा कैसे बोलेंगे? दर्शक दीर्घा में बैठी जनता और जज की कुरसी पर बैठी मृणाल पांडे ने जमकर ताली बजाई थी।

कहने का मतलब यह है कि आपकी भाषा आपके व्यक्तित्व को परिभाषित करती है। संसद का यह काला दिन है, जब एक दैविक आपदा भूचाल पर, जिसका जिम्मेदार इंसान खुद है, संसद का नेता मजाक करता है। हम मरी हुई संवेदना पर ज्यादा दिन नहीं जी सकते। आज नूतन डिमरी गैरोला जी ने बहुत भावुक सवाल उठाया, हमारी तरह बहुत लोग होंगे, जो भूचाल को लेकर सुबह से ही परेशान रहे होंगे, तो क्या संसद उनका मजाक उड़ा रही है? ट्रंप के देश की तरह यहां कोई पत्रकार नहीं है क्या?

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