सड़क के बच्चों के पुनर्वास की पहल
नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता। फुटपाथ पर जीवन यापन करने को मजबूर बच्चों के लिए भारत में काम करने वाली संस्था स्ट्रीट रॉक स्क्वायर (सीएसआर2) ने एफएचआई-360 और यूएनएड्स की मदद से क्रिटिकल डायलॉग नाम से...
नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता। फुटपाथ पर जीवन यापन करने को मजबूर बच्चों के लिए भारत में काम करने वाली संस्था स्ट्रीट रॉक स्क्वायर (सीएसआर2) ने एफएचआई-360 और यूएनएड्स की मदद से क्रिटिकल डायलॉग नाम से नई मुहिम शुरू की है। इस मुहिम के तहत मजबूर बच्चों के पुर्नवास संबंधी कामों में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसब्लिटी (सीएसआर) की भूमिका को प्रभावी बनाने पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान सरकार, दान दाताओं, सिविल सोसायटी, सामुदायिक संगठन, कॉरपोरेट हाउस के प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हुए। इस पहल के उद्देश्य के बारे में निदेशक ल्यूक सैमसन ने कहा, मौजूदा समय में भारत की बढ़ती आबादी बड़ी चुनौती है। इसके अलावा गरीबी का स्तर भी मौजूद है। सड़कों पर बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यूनिसेफ के हाल के आंकड़ों के मुताबिक 1.7 करोड़ बच्चे सड़कों पर जीवन यापन करने को मज़बूर हैं। सीएसआर के संसाधनों के इस्तेमाल से उनकी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मदद मिलने से तरीका भी व्यवस्थित होगा। इस दौरान सीएसआर-फिक्की के पूर्व प्रमुख डॉ. के.के. उपाध्याय ने कहा, इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर (आईडीआरसी) के एशिया रीजनल दफ्तर की निदेशक डॉ. अनिंद्या चटर्जी आदि मौजूद रहीं।