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यूपी की आशा वर्करों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाताउत्तर प्रदेश की आशा वर्करों ने निश्चित मानदेय लागू न होने की अपनी मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। सोमवार को जंतर-मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में...

यूपी की आशा वर्करों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 06 Feb 2017 11:30 PM
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नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाताउत्तर प्रदेश की आशा वर्करों ने निश्चित मानदेय लागू न होने की अपनी मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। सोमवार को जंतर-मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में शामिल आशा वर्करों ने केंद्र सरकार को मामले में दखल देने की मांग की। आशा वर्कर लंबे समय से निश्चित मानदेय की मांग कर रही हैं। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आशा संगठन के बैनर तले आयोजित धरना प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के कई जिलों की आशा वर्कर यहां जुटी थीं। संगठन की प्रदेश कोषाध्यक्ष सीता आर्या ने कहा कि 12 मदों में प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। लेकिन हमें बच्चों के जन्म और उसके देखभाल पर ही यह मिलता है। उसमें भी हमसे कमीशन की मांग की जाती है। प्रदर्शन में अमरोहा की आशा नीलम ने कहा कि हम सब इसी एक मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अब तक 11 बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। फिर भी केंद्र व राज्य सरकार के कानों में अभी तक जूं तक नहीं रेंगी। अलीगढ़ की आशा निर्मला ने कहा कि प्रदेश में कुल ढ़ाई लाख के करीब आशा वर्कर है। अगर इस चुनाव से पहले इसपर ठोस आश्वासन नहीं मिलता तो वे लोग चुनाव बहिष्कार का निर्णय ले सकते हैं। इसे लेकर संगठन में विचार विमर्श चल रहा है।आशा वर्करों का कहना है कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं से लेकर शिशु देखभाल तक आशाबहुओं के जिम्मे हैं। यही नहीं टीकाकरण की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। फिर भी आशाओं को दो से तीन हजार रुपये ही मिलते हैं। वे सब एक निश्चित मानदेय की मांग को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रही है। हाल ही में राज्य सरकार ने उनकी मांगें मान लीं, लेकिन मामला केंद्र सरकार में अटक गया।

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