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जांचा जाएगा पहली से आठवीं तक के छात्रों का शैक्षिक स्तर

16 से 24 मार्च के दौरान राज्य के हर सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छात्रों का सतत और व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा। अगला चरण अक्टूबर में चलेगा। सात लाख से ज्यादा छात्र छात्राएं इसके दायरे में...

जांचा जाएगा पहली से आठवीं तक के छात्रों का शैक्षिक स्तर
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Feb 2017 06:20 PM
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16 से 24 मार्च के दौरान राज्य के हर सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छात्रों का सतत और व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा। अगला चरण अक्टूबर में चलेगा। सात लाख से ज्यादा छात्र छात्राएं इसके दायरे में आएंगे।बेसिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के अनुसार इस मूल्यांकन में हर छात्र को विषयवार शैक्षिक स्तर का आंकलन किया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि कमजोर बच्चों को भी पढाई में बेहतर किया जा सके। गढ़वाल और कुमाऊं के अपर निदेशकों को इसके आदेश जारी कर दिए गए हैँ। राज्य स्तरीय अधिकारी भी स्कूलों में जाकर जांच करेंगे। मंडलीय अपर निदेशक औचक रूप से इस प्रक्रिया की जांच करते रहेंगे।मालूम हो कि, आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति की वजह से हो रहे नुकसान से उभरने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। फेल न करने की नीति के कारण पता नहीं चल पाता कि छात्र का मानसिक और बौद्धिक स्तर अपनी कक्षा के अनुसार है भी कि नहीं।

यूं होगा आंकलन :

1-मंडलीय अपर निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी-बेसिक और डायट प्राचार्यों के साथ मिलकर विषयवार फार्मूला तैयार किया जाएगा। डायट इस फामूलें को अंतिम रूप देगा।

2-संकुलवार नियुक्त संकुल संसाधन समन्वयक (सीआरसी) छात्रों की विषयवार स्थिति की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

3-जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने जिले की रिपोर्ट बेसिक शिक्षा निदेशालय और एससीइआरटी को देंगे।

4- इस रिपोर्ट के आधार पर पढ़ाई में कमजोर छात्रों पर फोकस करना आसान होगा। उनके अन्य छात्रों के स्तर तक लाने के लिए प्रयास किया जाएगा।

'' एक साल में मार्च और अक्टूबर में यह सर्वेक्षण किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर शिक्षक, स्कूल प्रबंधन कमेटी और अभिभावक शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए साझा रूप से प्रयास करेंगे।सीमा जौनसारी, निदेशक-बेसिक शिक्षा ''

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