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रावत का हरिद्वार की राजनीति में बड़ा दॉव

चौधरी यशवीर सिंह को कांग्रेस के साथ जोड़कर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार की राजनीति में बड़ा दॉव चला है। बसपा के सिंबल पर इकबालपुर विधानसभा सीट(अब झबरेड़ा और भगवानपुर में विभाजित) से लगातार दो...

रावत का हरिद्वार की राजनीति में बड़ा दॉव
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 17 Oct 2016 09:11 PM
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चौधरी यशवीर सिंह को कांग्रेस के साथ जोड़कर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार की राजनीति में बड़ा दॉव चला है। बसपा के सिंबल पर इकबालपुर विधानसभा सीट(अब झबरेड़ा और भगवानपुर में विभाजित) से लगातार दो बार विधायक रहे यशवीर का हरिद्वार की गुर्जर बिरादरी में खासा अच्छा दखल माना जाता है। यशवीर को कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में जा चुके कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की काट माना जा रहा है। यशवीर ने भी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए लक्सर के साथ ही चैंपियन की सीट खानपुर सीट के लिए भी दावा किया है। हरिद्वार में लक्सर, झबरेड़ा, भगवानपुर, मंगलौर, रुड़की सीट पर गुर्जर वोट प्रभावी भूमिका में है। चैंपियन के भाजपा में जाने के बाद से कांग्रेस के पास इस बिरादरी में कोई बड़ा नाम नहीं था। दूसरी तरफ, वर्ष 2012 के विस चुनाव में मंगलौर सीट भी यशवीर के बेटे डॉ. गौरव के कारण हाथ से निकल गई थी। इस सीट पर लोकदल से चुनाव लड़े गौरव को 19 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को 21 हजार और बसपा के विजयी प्रत्याशी सरबत करीम अंसारी को 22 हजार से कुछ ही ज्यादा वोट मिले थे। मुख्यमंत्री ने पिछले साल ही यशवीर के पुत्र डॉ. गौरव को कांग्रेस से जोड़ते हुए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दे दिया था। कांग्रेस टिकट दे या न दे, मुझे इससे मतलब नही है। पर मैं और मेरे समर्थक कांग्रेस को हर सीट पर जिताने के लिए काम करेंगे। हर सीट पर आठ से 10 हजार तक वोट मेरे समर्थकों का है।चौधरी यशवीर सिंह, कांग्रेस में शामिल होने के बादअखिलेश-केजरीवाल पर भी कसे तंजदेहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को इशारों-इशारों में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। राजीव भवन में उन्होंने कहा कि किसानों के हित में उत्तराखंड से बेहतर शायद ही किसी राज्य ने फैसले किए हों। दिल्ली वालों ने बिजली के बिल घटाने के दावे किए थे, हकीकत वहां के किसानों से पूछी जा सकती है। जबकि उत्तराखंड में सबसे कम बिल लिया जाता है और सरचार्ज को भी लगातार माफ किया जा रहा है। कुछ लोग किसानों की राजनीति कर कहां से कहां पहुंच और किया कुछ नहीं। समाजवादी पेंशन दे जा रही है और वो भी 500 रुपये। यहां हम किसान पेंशन के रूप में 1000 रुपये दे रहे हैँ।

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