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एक फरवरी से शीशमबाड़ा में डलना शुरू होगा कूड़ा

सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रचिंग मैदान में कूड़ा डालने को लेकर नगर निगम को 31 जनवरी तक की राहत मिल गई है। यूं तो इसकी डेडलाइन गुरुवार को समाप्त हो गई, लेकिन अंतिम समय में नगर निगम, कंपनी और...

एक फरवरी से शीशमबाड़ा में डलना शुरू होगा कूड़ा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 15 Dec 2016 05:00 PM
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सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रचिंग मैदान में कूड़ा डालने को लेकर नगर निगम को 31 जनवरी तक की राहत मिल गई है। यूं तो इसकी डेडलाइन गुरुवार को समाप्त हो गई, लेकिन अंतिम समय में नगर निगम, कंपनी और क्षेत्रवासियों के बीच वार्ता में यह डेडलाइन 31 जनवरी बढ़ाने पर सहमति बन गई। इसके बाद नगर निगम ने एक फरवरी से शहर का कूड़ा शीशमबाड़ा प्लांट में डालने भरोसा दिलाया है।

सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रचिंग मैदान में गुरुवार को कूड़ा डालने का आखिरी दिन होने के चलते नगर निगम ने क्षेत्र के लोगों से वार्ता की। निगम, कंपनी के अधिकारी व सहस्त्रधारा रोड कल्याण समिति के पदाधिकारियों के बीच काफी देर तक वार्ता चली। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निगम ने लिखित में आश्वासन दिया था कि 16 दिसंबर से शीशमबाड़ा में कूड़ा डलना शुरू हो जाएगा, जबकि अभी तक प्लांट तक नहीं बन पाया है। क्षेत्र के लोगों गंदगी के बीच रहने को मजबूर है। साथ ही निगम प्रशासन ने यह भी लिखित में दिया था कि ट्रचिंग मैदान के चारों तरफ दीवार बना दी जाएगी। कूड़ा ढ़की गाड़ियों में आएगा। रोजाना निगरानी की जाएगी। अलग से कर्मचारियों की तैनाती कर दी जाएगी। इसमें से भी किसी भी बात का अमल नहीं हुआ। कर्मचारियों ने कहा कि हम 16 दिसंबर से कूड़ा डलने नहीं देंगे। इस पर मेयर विनोद चमोली ने कहा कि हमे प्रदेश सरकार का सहयोग नहीं मिला। जिस कारण काम में देरी हुई है। मेयर ने कहा कि किसी भी सूरत में एक फरवरी से कूड़ा शीशमबाड़ा प्लांट में बनना शुरू हो जाएगा। इसके बाद जाकर क्षेत्र के लोगों शांत हुए। हालांकि वार्ता के बाद मीडिया को दिए बयान में समिति के पदाधिकारियों के बीच मतभेद देखने को मिला। वह निगम की बातों पर सहमत नहीं दिखे। हालांकि मेयर विनोद चमोली का कहना है कि शुक्रवार को अधिकारियों के साथ ट्रचिंग मैदान का निरीक्षण कर व्यवस्था ठीक की जाएगी। बैठक में नगर आयुक्त रवनीत चीमा, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश गुंज्याल व डा. आरके सिंह, रचना पयाल, भानू अग्रवाल, विनय प्रताप आदि मौजूद थे।

प्रोजेक्ट में अभी और दिक्कतें भी

भले ही निगम प्रशासन ने क्षेत्रवासियों के साथ वार्ता कर मामले का समाधान करने का प्रयास किया है, लेकिन सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट में अभी कुछ दिक्कतें हैं। निगम का ट्रांसफर स्टेशन अभी तैयार नहीं है। कारगी में जो ट्रांसफर स्टेशन बना है, उस पर जमीनी विवाद है। नया ट्रांसफर स्टेशन के लिए जमीन चिह्नित नहीं की है। घरों से शहर का कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन में जाना है, फिर ट्रांसफर स्टेशन से बड़ी गाड़ियों में कूड़ा शीशमबाड़ा तक ले जाने की योजना है, अगर ट्रांसफर स्टेशन ही नहीं होगा तो योजना धरातल में उतारना संभव नहीं है। एक दिक्कत घर-घर से कूड़ा उठान का काम आउटसोर्स करने की भी है। अभी अस्थायी व्यवस्था चल रही है। घर-घर से कूड़ा उठान का काम आउटसोर्स करने के लिए भी टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई है।

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