EXCLUSIVE: कोहली के 'विराट' होने की कहानी उनके कोच की जुबानी
विराट कोहली को बहुत करीब से जानने और समझने वालों में एक नाम उनके कोच राज कुमार शर्मा का है। 10 साल की उम्र में विराट उनके पास क्रिकेट की बारीकियां सीखने गए थे और आज तक मुश्किल घड़ी में सिर्फ और सिर्फ...
विराट कोहली को बहुत करीब से जानने और समझने वालों में एक नाम उनके कोच राज कुमार शर्मा का है। 10 साल की उम्र में विराट उनके पास क्रिकेट की बारीकियां सीखने गए थे और आज तक मुश्किल घड़ी में सिर्फ और सिर्फ उनसे ही सलाह लेते हैं। विराट के कोच को भी अपने शिष्य पर गर्व है। उनकी नजर में विराट आज भी उनके लिए वैसा ही जैसा 18 साल पहले था। विराट के जन्मदिन के मौके पर हमने उनके कोच से बात की। कुछ सवालों के जवाब से उन्होंने हमें विराट की पूरी कहानी से रूबरू कराया।
सवालः विराट को देखकर आपको कब ऐसा लगा था कि वो बाकी बच्चों से अलग हैं?
जवाबः विराट जब मेरे पास आया था तब बहुत छोटा था, लेकिन उसके आने के 15-20 दिन बाद ही मुझे लग गया था कि वो बाकी बच्चों से अलग है। उसमें कुछ ऐसी खूबियां थीं, जो उस उम्र के बच्चों में नहीं होती। उसमें बहुत पॉवर थी, गॉड गिफ्टेड प्लेयर है वो। उसको बहुत ज्यादा सिखाना नहीं पड़ा। बहुत हार्डवर्किंग था उसे जो कहा जाए वो उसे करना चाहता था। सबसे आगे निकलना चाहता था वो और बहुत कॉन्फिडेंट भी था साथ में।
सवालः विराट कोहली में क्या अच्छे बदलाव आए हैं?
जवाबः उम्र के साथ विराट मैच्योर हो गए हैं। कप्तानी मिलने के बाद और ज्यादा जिम्मेदारी आ गई है। वो फ्रंट से लीड करना चाहते हैं और टीम को बहुत आगे ले जाना चाहते हैं। वो हर फॉरमैट में टीम इंडिया को नंबर वन बनाना चाहते हैं। टीम को मोटीवेट करते हैं और साथ ही उनमें सेल्फ बिलीफ (खुद पर विश्वास) बहुत है।
सवालः एडिलेड टेस्ट में विराट ने जब पहली बार टेस्ट टीम की कप्तानी की थी तो आपको कैसा लगा था?
जवाबः विराट कोहली ने एडिलेड टेस्ट के बाद कहा था कि मैं इंडियन क्रिकेट की संस्कृति बदलना चाहता हूं। हम लोगों को ये भरोसा नहीं था कि हम बाहर जाकर जीत सकते हैं। विराट का विजन है कि हम ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में जाकर हराएं, दक्षिण अफ्रीका को दक्षिण अफ्रीका में जाकर हराएं। एडिलेड टेस्ट से उसने बहुत अच्छी शुरुआत की थी।
सवालः पिता को खोने के बाद विराट में किस तरह से बदलाव आए?
जवाबः किसी भी बच्चे में बहुत बदलाव आते हैं अगर उसने 17-18-19 साल में अपना पिता खो दिया हो तो। बच्चे का बचपन खत्म हो जाता है। बच्चा बहुत मैच्योर हो जाता है, डिमांडिंग नहीं रह जाता। इस तरह के बदलाव विराट में भी आए।
सवालः विराट कोहली के परिवार के बारे में कुछ बताइए।
जवाबः विराट अच्छे परिवार से हैं। विराट के संस्कार बहुत अच्छे हैं। मां-बाप ने बहुत अच्छी परवरिश की है। विराट का बड़ा भाई है, बड़ी बहन है। वो दोनों इसे बहुत प्यार करते हैं और वो भी इन्हें बहुत प्यार करता है। उसको कभी बहुत मुश्किल नहीं आई और बाकी मैं तो था ही।
सवालः आज भी विराट मैच के बाद आपसे सलाह लेते हैं?
जवाबः ऐसा जरूरी नहीं है कि फेल होने के बाद ही, हम वैसे भी बात करते हैं जब विराट अच्छा करते हैं तो मैं उनकी तारीफ करता हूं और वो खुश भी होते हैं। मुझे उसकी बल्लेबाजी में कुछ गलत नजर आता है तो मैं उसको बताता हूं। वैसे वो बहुत समझदार खिलाड़ी हो चुका है। लेकिन कभी भी उसको सलाह चाहिए होती है तो वो सिर्फ और सिर्फ मुझसे ही बात करता है।
सवालः विराट ने एकबार कहा था कि उन्हें आज भी आपसे डर लगता है, क्या ऐसा है?
जवाबः डर नहीं वो एक रिस्पेक्ट ही कह लीजिए। अब वो बड़ा है समझदार है, डर वाली बात उसने रिस्पेक्ट के लिए कही है। लेकिन कभी जरूरत होती है तो अभी भी डांट पड़ती है।
सवालः क्या कभी ऐसी नौबत आई है कि आपको विराट को थप्पड़ भी लगाने पड़े हों?
जवाबः छोटे होते हैं तो पिटाई होती है। बहुत शरारती था वो लेकिन समय के साथ वो बहुत समझदार हो गया है। कोई भी कोच या मां-बाप चाहेगा कि उसका विराट जैसा बच्चा हो।
सवालः मौजूदा समय में आपके अंडर कोचिंग लेने वाले बच्चों में कोई ऐसा बच्चा है जिसमें आपको विराट जैसा स्पार्क दिखता हो?
जवाबः मेरे पास हैं ऐसे एक-दो बच्चे जिनमें विराट की झलक दिखती है। एक बच्चा है रामदेव जो अभी 11-12 साल का है। उसमें भी विराट जितना स्पार्क है। बल्कि मैं विराट को दिखा भी रहा था कि तुम ऐसे थे जब छोटे थे। फर्क इतना है कि ये बच्चा थोड़ा पतला है और तुम थोड़े मोटे थे।
सवालः फिटनेस को लेकर विराट शुरू से ऐसे हैं या उनमें कुछ बदलाव आए हैं और वो बदलाव क्यों आए?
जवाबः विराट में फिटनेस का मंत्रा कुछ सालों से आया है। पहले भी ऐसा नहीं था कि वो फिट नहीं था लेकिन पिछले चार-पांच सालों से उसे फिटनेस का बहुत शौक हो गया है। उसके लिए वो बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं अपनी डाइट में बहुत सैक्रिफाइस करते हैं। विराट की सोच है कि अगर वर्ल्ड नंबर वन बनना है और टीम को वर्ल्ड नंबर वन बनाना हो तो फिट रहना बहुत जरूरी है। इसी सोच के साथ वो मेहनत करता है।
सवालः विराट के एग्रेशन को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाबः एग्रेशन विराट की स्ट्रेंथ है, उसी एग्रेशन की वजह से वो इतना सफल हुआ है। उसको भरोसा है कि वो किसी की भी आंखों में आंखें डालकर खेल सकता है। पहले हम ऑस्ट्रेलिया जाते थे वो स्लेजिंग करते थे और हम सर झुकाकर सुन लेते थे उनकी। आंखों में आखें डालकर खेलने की शुरुआत सौरव गांगुली ने की और अब विराट भी ऐसा कर रहे हैं। मुझे अच्छा लगता है विराट स्लेजिंग का जवाब देता है और बेस्ट बात है कि जवाब अपने बल्ले से देता है।
सवालः क्या मैदान में कभी विराट अपनी तरफ से स्लेजिंग की शुरुआत करते हैं?
जवाबः विराट कभी अपनी तरफ से शुरुआत नहीं करता है। बहुत ज्यादा जब उसको कोई कुछ बोले तभी वो रिऐक्ट करता है। अब तो वो इतना मैच्योर हो गया है कि रिऐक्ट करना भी कम कर दिया है। वो कभी भी झगड़ालू नहीं था। वो विरोधी टीम के अच्छे खिलाड़ियों की बहुत रिस्पेक्ट करता है।
सवालः विराट और धौनी की कप्तानी में क्या बड़ा फर्क दिखता है आपको?
जवाबः धौनी और विराट अलग तरह के कप्तान हैं। विराट बहुत एग्रेसिव हैं और बहुत इनवॉल्व्ड रहते हैं। मेरा मानना है कि अभी भी धौनी भारत के नंबर वन कप्तान हैं। वो बहुत सफल कप्तान हैं, उन्होंने जो देश के लिए किया है, उनका योगदान बहुत ज्यादा है, दो वर्ल्ड कप जिताए हैं, टेस्ट में नंबर वन बनाया है। वो बहुत कूल कैप्टन हैं लेकिन दोनों की कप्तानी करने का तरीका बिल्कुल अलग है।
सवालः क्या आप 2019 वर्ल्ड कप तक विराट को टीम इंडिया का कप्तान बनता देख रहे हैं?
जवाबः मेरा मानना है कि जो योगदान महेंद्र सिंह धौनी का है और जिस कदर वो फिट हैं और जितनी अच्छी कप्तानी कर रहे हैं। उनके अंडर जैसे टीम खेलती है। तो अगर धौनी कप्तान बने रहना चाहते हैं तो इससे अच्छी कोई बात नहीं होगी हमारे लिए। क्योंकि अभी भी उनका हमारे पास कोई रिप्लेसमेंट नहीं है, ना एक कप्तान के तौर पर, ना विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर।