सैलेरी आ गयी पर नहीं मिल रहा कैश तो इन तरीकों से करें लेन-देन
कैश नहीं मिल रहा तो ऐसे पूरी करें अपनी ज़रूरतें... आज सैलेरी आने वाली है लेकिन लोग इसी बात को सोचकर मुश्किल में हैं कि आखिर पैसे निकाले कैसे जाएंगे। नोटबंदी के ऐलान को 3 हफ्ते से भी ज्यादा हो
प्लास्टिक मनी इस्तेमाल कीजिए
प्लास्टिक मनी यानी कार्ड से पैसे खर्च करना। इस वक्त तीन तरह के कार्ड उपलब्ध हैं- डेबिट कार्ड (ATM कार्ड), क्रेडिट कार्ड और प्री-पेड कार्ड। इनकी मदद से आप कई तरह के ट्रांजैक्शंस कर सकते हैं। सभी बैंक आजकल बैंक खातों के साथ डेबिट कार्ड जारी करते हैं। आप बैंकों और RBI से अप्रूव अन्य संस्थाओं के क्रेडिट कार्ड भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा बैंक और कुछ अन्य संस्थान पहले से दी गई वैल्यू के बदले प्री-पेड कार्ड भी जारी करते हैं। आप इन प्री-पेड कार्ड्स से ATM से पैसे निकाल सकते हैं, दुकानों और शोरूम्स पर जाकर स्वाइप मशीन के जरिए पेमेंट कर सकते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं। यही काम क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भी किए जा सकते हैं। आपको कैश कैरी करने की जरूरत ही नहीं है।
अगली स्लाइड में जानिए कि UPI भी कैसे आ सकता है काम...
सैलेरी आ गयी पर नहीं मिल रहा कैश तो इन तरीकों से करें लेन-देन
UPI
इस साल 19 अगस्त से बैंकों ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) सिस्टम शुरू किया है। UPI को नैशनल पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉन्च किया है। इसमें मोबाइल पर बैंक अकाउंट्स के जरिए वन-क्लिक, टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बाद ट्रांजैक्शंस की जा सकती हैं। यह सिस्टम IMPS प्लैटफॉर्म पर रन करता है, जिसका मतलब यह हुआ कि ट्रांसफर तुरंत हो जाता है।
इस फीचर को यूजर करने के लिए आपको अपने ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन पर UPI वाला कोई ऐप डाउनलोड करना होगा। आपके पास बैंक अकाउंट और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी होना चाहिए। इसके जरिए आप ऐप पर वर्चुअल आईडी बना सकते हैं या IFSC कोड और बैंक अकाउंट के जरिए ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। यह सर्विस अभी ग्राहकों के लिए फ्री है। ज्यादातर बैंकों ने अपने मोबाइल ऐप में ही UPI का ऑप्शन दिया हुआ है।
ई-वॉलिट्स से भी हो सकती हैं मुश्किलें आसान...
सैलेरी आ गयी पर नहीं मिल रहा कैश तो इन तरीकों से करें लेन-देन
ई-वॉलिट्स
ई-वॉलिट्स आजकल पॉप्युलर हो रहे हैं। प्राइवेट कंपनियों के वॉलिट्स के अलावा बहुत सारे बैंकों ने अपने ई-वॉलिट्स या डिजिटल वॉलिट्स लॉन्च किए हैं। दरअसल इन वॉलिट्स में पैसों को पहले से लोड किया जा सकता है और बाद में पेमेंट की जा सकती है। तीन तरह के वॉलिट्स इस वक्त उपलब्ध हैं- क्लोज्ड, सेमी-क्लोज्ड और ओपन। क्लोज्ड वॉलिट से उसे जारी करने वाली कंपनी के प्रॉडक्ट्स या सर्विसेज के लिए ही पेमेंट की जा सकती है। ओला मनी और फ्रीचार्ज क्रेडिट इसके उदाहरण हैं।
सेमी-क्लोज्ड वॉलिट्स के जरिए चीजें या सर्विसेज खरीदने के साथ-साथ कुछ जगहों पर फाइनैंशल सर्विसेज भी ली जा सकती हैं। जैसे कि पेटीएम एक सेमी-क्लोज्ड वॉलिट है। ओपन वॉलिट सिर्फ बैंक जारी करते हैं। इनसे गुड्स ऐंड सर्विसेज तो खरीदी ही जा सकती हैं, इसके अलावा उन मर्चेंट लोकेशंस या पॉइंट ऑफ सेल्स पर भी पेमेंट की जा सकती है, जहां कार्ड ऐक्सेप्ट किए जा सकते हैं। इन्हें एटीएम वगैरह से कैश निकालने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इन वॉलिट्स में नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से कैश लोड किया जा सकता है। इनकी मदद से आप मोबाइल रिचार्ज, मूवी टिकट, कैब और अन्य कई सर्विसेज के लिए पेमेंट कर सकते हैं।
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