नोटबंदी: अब 2 लाख जमा कराने वालों पर भी है इनकम टैक्स विभाग की नजर
नोटंबदी के दौरान खाते में दो लाख या उससे ज्यादा रकम जमा करने वाले लोगों से इनकम टैक्स विभाग आय के सोर्स का हिसाब-किताब मांग सकता है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद सरकार की ओर से कहा गया था...
नोटंबदी के दौरान खाते में दो लाख या उससे ज्यादा रकम जमा करने वाले लोगों से इनकम टैक्स विभाग आय के सोर्स का हिसाब-किताब मांग सकता है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद सरकार की ओर से कहा गया था कि ढाई लाख से कम जमा कराने वालों से पूछताछ नहीं की जाएगी।
आपको बता दें कि इनकम टैक्स विभाग पहले ही नोटबंदी के बाद 18 लाख लोगों द्वारा बैंक खातों में 4.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध जमाओं का सत्यापन कर रहा है। साथ ही उसके एसएमएस व ईमेल सवालों का जवाब नहीं देने वालों को नोटिस देने की तैयारी में है।
1 करोड़ बैंक खातों में 2 लाख रुपये या उससे कुछ अधिक रुपये जमा
इनकम टैक्स के सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के 50 दिनों के दौरान करीब एक करोड़ बैंक खातों में 2 लाख रुपये या उससे कुछ अधिक रुपये जमा कराए गए थे। यह कुल रकम करीब 10 लाख करोड़ रुपये बैठती है। इसके बाद अब आयकर विभाग ऐसी रकम जमा कराने वालों को मेसेज भेजकर हिसाब किताब मांगने की तैयारी कर रहा है। अब इन सभी बैंक अकाउंट्स में जमा राशि और इनके इनकम टैक्स रिटर्न में दिए गए ब्योरे का मिलान किया जाएगा। अगर कहीं गड़बड़ी लगी तो तुरंत मेसेज और ईमेल भेजा जाएगा। उसके बाद तय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सही रकम जमा करने वालों को कोई दिक्कत नहीं
इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी की अवधि के दौरान पांच लाख रुपये से अधिक की बैंक जमा करवाने वाले 18 लाख लोगों को अपने ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत एसएमएस तथा ईमेल भेजे थे। इन खाताधारकों से कहा गया था कि वे जमाओं व धन के स्रोत के बारे में 15 फरवरी तक स्पष्टीकरण दें।
अधिकारियों ने बताया, जवाब देने वाले सात लाख लोगों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने स्वीकार किया है कि आंकड़े सही हैं। आपको बता दें कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी की घोषणा की और 1000 रुपये व 500 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया।