ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कम सकता है आरबीआई
रिजर्व बैंक के महंगाई घटने के मद्देनजर सितंबर में द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत तक कटौती करने की उम्मीद है। वैश्विक स्तर पर वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी...
रिजर्व बैंक के महंगाई घटने के मद्देनजर सितंबर में द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत तक कटौती करने की उम्मीद है।
वैश्विक स्तर पर वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी एचएसबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई के घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 3.78 प्रतिशत और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के अबतक के निचले स्तर शून्य से 4.05 प्रतिशत नीचे रहने के मद्देनजर आरबीआई के ब्याज दरों में कमी करने की उम्मीद बढ़ी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि चालू मानसून सीजन के दौरान बारिश में सामान्य से 10 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है लेकिन उसका प्रभाव अधिक घातक नहीं होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों जारी गिरावट को देखते हुए केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों में कमी करने की उम्मीद की जा रही है।
एचएसबीसी ने कहा कि हालांकि ब्याज दरों में एक चौथाई फीसदी की कटौती के अनुमान के समक्ष दो तरह जोखिम हैं। आर्थिक विकास की धीमी रफ्तार और गिरते निर्यात जैसी स्थिति से जूझ रहे चीन की विनर्माण गतिविधियों में अगस्त में सुस्ती से डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट के साथ ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के सितंबर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू करने जैसे जोखिम आरबीआई को ब्याज दरों में कमी करने से रोक सकता है।