यास्मीन की दिल्ली में गिरफ्तारी से गांव वाले हैरत में
दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बेटे के साथ यास्मीन की गिरफ्तारी से उसके गांव के लोग हैरत में हैं। किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि धार्मिक प्रवृति की यास्मीन आईएस से जुड़ने के लिए काबूल...
दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बेटे के साथ यास्मीन की गिरफ्तारी से उसके गांव के लोग हैरत में हैं। किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि धार्मिक प्रवृति की यास्मीन आईएस से जुड़ने के लिए काबूल जा रही थी। हुमायुपुर पंचायत के मुखिया सुबोध भगत ने बताया कि यास्मीन धार्मिक प्रवृति की महिला है। दिनभर में पांच बार नमाज पढ़ती है।
यास्मीन सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी प्रखंड के मुरौल गांव की रहने वाली है। बगल के हुमायूंपुर गांव में उसकी ससुराल है। उसने अपने फुफेरे भाई मो. छोटू से शादी की थी, लेकिन कुछ वर्षों बाद तलाक हो गया। उसे एक पांच वर्ष का बेटा मो. युसुफ है। यास्मीन के पिता का नाम मो. जाहिद व दो भाई मो. कासिल व मो. इमरान हंै। फिलहाल तीनों सउदी अरब में सिलाई-कटाई का काम करते हैं। गांव में परिवार का कोई सदस्य अब नहीं रहता है।
चाचा साबिर अंसारी बताते हैं कि यास्मीन 20 वर्षों से दिल्ली में रहती है। वहीं पढ़ाई कर रही थी। वह बीच-बीच में परिवार से मिलने सउदी अरब भी जाती थी। उसके गांव के घर में ताला लगा हुआ है। करीब पांच वर्षों के बाद वह पिछले अप्रैल माह में गांव आई थी। कुछ दिन रहने के बाद वापस दिल्ली चली गई थी। उसके आईएस से जुड़ने के लिए काबुल जाते दिल्ली में गिरफ्तार होने की खबर से गांव वाले हैरत में हैं। गांव के अनवारुल हक बताते हैं कि अब तक यास्मीन के बारे में किसी तरह की कोई शिकायत नहीं सुनी थी।