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तेजाब पीडिता चंचल को 10 लाख रुपये देगी सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले केंद्र, राज्यों तथा केंद्र शासित सरकारों को निर्देश दिया है कि तेजाब के पीडितों को विकलांग कोटे में शामिल कर उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की व्यवस्था करे। इसके...

तेजाब पीडिता चंचल को 10 लाख रुपये देगी सरकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 08 Dec 2015 09:37 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले केंद्र, राज्यों तथा केंद्र शासित सरकारों को निर्देश दिया है कि तेजाब के पीडितों को विकलांग कोटे में शामिल कर उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की व्यवस्था करे। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्यों, केंद्र शासित क्षेत्रों का आदेश दिया कि तेजाब पीडितों का निशुल्क इलाज किया जाए।

जस्टिस एमवाई इकबाल और जस्टिस सी नगप्पन की एक पीठ ने बिहार की तेजाब हमले की एक पीडिता दो बहनों सोमन और चंचल के मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को यह निर्देश दिया। अदालत ने बिहार सरकार से पीडिता चंचल को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने और सर्जरी सहित उसे निशुल्क इलाज कराने का आदेश दिया। साथ ही दूसरी बहन को तीन लाख रुपये की सहायता देने को कहा।

फैसले में कोर्ट में कहा कि तेजाब पीडितों को देखने भर से उन्हें आघात लगता है। जब उन्हें देखने भर से हम आहत हो रहे हैं तो पीडितों की स्थिति क्या होगी। शायद हम उसे नहीं समझ पाएंगे। हम सरकारों को निर्देश देते हैं कि पीडितों को विकलांग सूची में शामिल करने पर विचार करे ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सके और वे अपना जीवन गुजार सकें।

पीठ ने बिहार के एनजीओ परिवर्तन केंद्र की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए। याचिका में निजी अस्पतालों पर पीडित बहनों का निशुल्क उपचार न करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से तेजाब हमले के पीडितों के पुनर्वास के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने दोनों बहनों को सिर्फ तीन लाख रुपये दिए थे जबकि पांच लाख रुपये उनके इलाज पर खर्च हो चुके थे।

इससे पूर्व कोर्ट ने लक्ष्मी बनाम भारत सरकार केस में देश के सभी निजी अस्पतालों को तेजाब हमले के पीडितों की मदद के लिए निर्देश जारी किए थे, जिनमें दवा और महंगी सर्जरी समेत निशुल्क इलाज करना शामिल हैं। इस फैसले में देश में तेजाब की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के मामले पर सभी राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों से तेजाब की अनियंत्रित बिक्री रोकने के लिए उसे एक अनुसूचित पदार्थ के तौर पर अधिसूचित करने के लिए कहा था। कोर्ट ने सोमवार को फिर कहा कि अनियंत्रित रूप से तेजाब बेचने वालों के खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करे।

गौरतलब है कि सामाजिक न्याय पर सुप्रीम कोर्ट का यह दूसरा फैसला है इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को ओबीसी सूची में शामिल कर आरक्षण देने का आदेश देने का आदेश दिया था।

देश में 17 राज्यों ने ही तेजाब पीडित मुआवजा फंड बनाया है और इस फंड के तहत 25,000 से दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता पीडितों को इलाज के लिए दी जाती है। बिहार में यह राशि 25,000 रुपये ही है जबकि यूपी में तेजाब पीडित को तीन लाख रुपये दिए जाते हैं। इनमें से सात राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों ने इस फंड को अधिसूचित ही नहीं किया है।

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