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राजगीर बंद के दौरान पुलिस पर पथराव, आजगनी

मलमास मेले के दौरान सर्कस मैदान में सर्कस नहीं लगाये जाने की प्रशासनिक घोषणा के विरोध में गुरुवार को पूर्व निर्धारित राजगीर बंद कार्यक्रम के अनुसार लोग अहले सुबह से ही सड़क पर उतर आये। दर्जनों स्थानों...

राजगीर बंद के दौरान पुलिस पर पथराव, आजगनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 04 Jun 2015 07:29 PM
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मलमास मेले के दौरान सर्कस मैदान में सर्कस नहीं लगाये जाने की प्रशासनिक घोषणा के विरोध में गुरुवार को पूर्व निर्धारित राजगीर बंद कार्यक्रम के अनुसार लोग अहले सुबह से ही सड़क पर उतर आये। दर्जनों स्थानों पर आगजनी की गयी। दो पुलिस जीप व एक दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। राजमीर थाने पर हमला बोल वहां भी पथराव किया गया। इन हादसों में डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत दर्जनभर पुलिसकर्मी व दो दर्जन से अधिक पब्लिक चोटिल हुई।

छह घंटे 40 मिनट देर से खुली श्रमजीवी एक्सप्रेस
प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस को रोके रखी। इसके कारण यह रेलगाड़ी छह घंटे 40 मिनट देर से खुली। कई अन्य ट्रेनें भी प्रभावित हुईं। दोपहिया से लेकर अन्य वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी थी।

सर्कस मैदान व ब्रह्मकुंड के ऊपर वैभारगिरि पर बनीं पौराणिक संरचनाओं को नेस्तनाबूद कर दिया गया। लोगों का आक्रोश तब और भड़क गया, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से छेड़छाड़ की। पुलिस द्वारा बल प्रयोग करते ही स्थानीय लोगों ने पुलिस को निशाना बनाकर पथराव शुरू कर दिया। आत्मरक्षार्थ पुलिस को दो राउण्ड गोलियां भी चलानी पड़ी।

रुक-रुक कर डेढ़ से दो घंटे तक किया जाता रहा पथराव
करीब डेढ़-दो घंटे तक रुक-रुक कर पथराव किया गया। एक पत्थर डीएसपी शम्स अफरोज के पैर में लगा, जिससे वे चोटिल हो गये। कुंड क्षेत्र के पास पावापुरी सहायक थाना व एक दमकल वाहन को आक्रोशितों ने आग के हवाले कर दिया। वहीं राजगीर थाने पर हमला बोल उसकी जीप फूंक डाली। जमकर पथराव किया गया, जिसमें थानाध्यक्ष रत्न किशोर झा घायल हो गये।

बाजार बंद, दिनभर रणक्षेत्र में तब्दील रहा राजगीर
मलमास मेला बचाओ समिति द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को कोई दुकान नहीं खुली थी। पूरा राजगीर दिनभर रणक्षेत्र में तब्दील रहा। एसपी डॉ. सिद्धार्थ समेत पूरे जिले के पुलिस महकमा के आला अधिकारी व कर्मी स्थानीय लोगों को समझाने-बुझाने में लगे रहे। जब पुलिस कुंड क्षेत्र की ओर जाती, तो पथराव के बाद लोग भाग जाते थे। फिर से वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती थी। जैसे ही पुलिस एसडीओ ऑफिस व स्टेशन की ओर जाती, तो पथराव के बाद लोग भाग जाते और पुलिस अधिकारियों के ओझल होते ही फिर आगजनी के साथ ही सड़क जाम कर दी जाती थी।

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