फोटो गैलरी

Hindi Newsब्लास्ट ने फिर पुलिस के सामने चुनौती पेश की

ब्लास्ट ने फिर पुलिस के सामने चुनौती पेश की

पटना के भूतनाथ रोड में बरामद टाइम बम का इस्तेमाल कहीं राजधानी में धमाके के लिए तो नहीं होना था? खुफिया और पुलिस को ऐसी आशंका है। हालांकि इसके पीछे के खतरनाक मंसूबे का पता फिलहाल नहीं लग पाया है। जिस...

ब्लास्ट ने फिर पुलिस के सामने चुनौती पेश की
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 31 Mar 2015 09:01 PM
ऐप पर पढ़ें

पटना के भूतनाथ रोड में बरामद टाइम बम का इस्तेमाल कहीं राजधानी में धमाके के लिए तो नहीं होना था? खुफिया और पुलिस को ऐसी आशंका है। हालांकि इसके पीछे के खतरनाक मंसूबे का पता फिलहाल नहीं लग पाया है। जिस तरह से टाइम बम तैयार किया उससे साफ है कि यह किसी साधारण गिरोह के बस की बात नहीं है। एक्सपर्ट के बगैर यह संभव नहीं था। धमाका और बमों की बरामदगी से कई सवाल खड़े हुए हैं। पटना पुलिस समेत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जैसी देश की चुनिंदा एजेंसियां इन सवालों का जवाब ढूंढ़ने में जुटी हैं।

एमआईजी फ्लैट में हुए धमाके और बरामद बम में टाइमर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 12 वोल्ट की इमरजेंसी लाइट में लगने वाली बैट्री भी थी। बैट्री के ऊपर ही घड़ी लगी थी। विस्फोटक के तौर पर अमोनियम नाइट्रेट और जेल (संभवत: ग्लिसरीन) का इस्तेमाल हुआ है। पांच केजी के केन में पहले लोहे की जाली डाली गई और उसके बाद विस्फोटक भरे गए थे। बम हाल में ही बना था, क्योंकि विस्फोट चिपचिपा था और रंग भी नहीं बदला था।  

आतंकी, माओवादी या आपराधिक गिरोह : आखिर टाइम बम कौन और किस मंसूबे से बना रहा था? जिस कुंदन का नाम सामने आया है, उसको आपराधिक इतिहास भी है। पर अब तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि वह किसी आतंकी या माओवादी गुट से जुड़ा है। पुलिस के लिए यह पता लगाना सबसे बड़ी चुनौती है कि इसके पीछे आतंकी, माओवादी या किसी बड़े गिरोह में किसका हाथ है। उनकी मंशा दहशत फैलाने की थी या फिर किसी को निशाना बनाने की।

माओवादी नहीं अपनाते यह तरीका : माओवादी अमूमन टाइमर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे बमों में डेटोनेटर लगाते हैं। दूसरे माओवादी पटना में बम क्यों बनाएंगे, जबकि जंगल में वे आसानी से यह काम कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सोमवार की घटना के पीछे यदि माओवादियों का ही हाथ है तो फिर उनकी मंशा राजधानी पटना में किसी घटना को अंजाम देने की रही होगी, क्योंकि बाहर से इतने बड़े बम को लाना आसान नहीं है।

पूंजीवाद के विरोध का मिला पर्चा : एमआईजी के जिस फ्लैट में धमाका हुआ, वहां से पर्चा भी मिला है। सूत्रों के मुताबिक इसमें पूंजीवाद के विरोध में तीन-चार लाइनें लिखी हैं। माना जा रहा है कि ऐसा भरमाने के ख्याल से किया गया हो। एक कंप्यूटर भी था जिसे जब्त किया गया है। इसके अलावा सरकारी नौकरी के आवेदनों की प्राप्ति रसीद भी मिली है। पुलिस ने फ्लैट से स्कूली किताबें जब्त की हैं। माना जा रहा है कि नौकरी में फर्जीवाड़े का भी रैकेट चल रहा था।

एनआईए के डीएसपी व फॉरेंसिक एक्सपर्ट पहुंचे :
घटनास्थल पर छानबीन के लिए मंगलवार को एनआईए के डीएसपी स्तर के अधिकारी और फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी दिल्ली से पटना पहुंचे। बिहार पुलिस के डीजी ने एनआईए से मामले की जांच का अनुरोध किया था। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया। इसके अलावा बिहार एटीएस, सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते के एक्सपर्ट समेत खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी पड़ताल करने पहुंचे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें