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रोहतास में ओवरलोडिंग से सरकार को लगा रहे चूना

ओवरलोडेड ट्रकों के आवागमन पर रोक के लिए जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे ट्रकों के लिए न तो कोई बैरियर लगाया गया है और न वाहनों का वजन करने के लिए धर्मकांटा की ही व्यवस्था की गई है।...

रोहतास में ओवरलोडिंग से सरकार को लगा रहे चूना
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 05 Jan 2016 06:48 PM
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ओवरलोडेड ट्रकों के आवागमन पर रोक के लिए जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे ट्रकों के लिए न तो कोई बैरियर लगाया गया है और न वाहनों का वजन करने के लिए धर्मकांटा की ही व्यवस्था की गई है। ओवरलोडेड ट्रक पकड़े जाने पर कागजात की जांच करके जुर्माना लगाया जाता है। सोन नद से रोजाना सैकड़ों ओवरलोडेड ट्रक निकलकर जीटी रोड से होते हुए विभिन्न जिलों के अलावा यूपी में भी जाते हैं। लेकिन, कार्रवाई चंद गिप्ती व बालू लदे ओवरलोडेड ट्रकों पर करके कोरम पूरा किया जाता है।

परिवहन विभाग के अधिकारी ओवरलोडेड ट्रकों को पकड़ने के लिए कार्यालय से चलते हैं, तो इसकी सूचना माफियाओं को मिल जाती है। इस कारण जबतक अधिकारी सड़क पर रहते हैं, तब तक ओवरलोडेड ट्रक लाइन होटलों पर खड़े रहते हैं। परिहवन विभाग के अधिकारी होटलों के पास खडे़ ओवरलोडेड ट्रकों को जब्त नही करते हैं। ओवरलोडेड ट्रकों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण जिले की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बावजूद इसके प्रशासन ओवर लोडेड ट्रकों के परिचालन पर रोकथाम नहीं लगा रहा है। ट्रक ऑपरेटर संघ ने भी कई बार ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है। लेकिन, प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने से वे भी बहुत कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

सक्रिय हैं इंट्री माफिया
फोरलेन सड़क पर हर वक्त ओवरलोडेड ट्रकों को पास कराया जाता है। इंट्री माफिया संबंधित विभाग से तालमेल बनाकर यह गोरखधंधा कर रहे हैं। फोरलेन के किनारे कुछ लाइन होटलों से इंट्री का कारोबार चलता है। सबसे अधिक बालू व गिप्ती लदे ट्रकों को पास कराया जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारी सबकुछ जानते हुए अनजान बने रहते हैं। सूत्रों के अनुसार जनवरी माह से दिसम्बर तक करीब पांच हजार ओवरलोडेड ट्रकों को जब्त किया गया है। इससे परिवहन विभाग ने 4 करोड़ 53 लाख 48 हजार 800 रुपये जुर्माना वसूली की है। करीब 75 प्रतिशत बालू लदे ट्रकों को जब्त किया गया है। 

सड़क हो रही क्षतिग्रस्त
फोरलेन पर ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन से सड़कें टूट रही हैं। क्षमता से अधिक भार वाले ट्रकों को फोरलेन से पास कराया जाता है। इस कारण है कि डेहरी से लेकर खुर्माबाद तक फोरलेन की हालत खराब है। बड़े-बड़े गड्ढे उभर गए हैं। गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। ओवरलोडेड वाहनों को पकड़ने के लिए सरकार ने परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को रोहतास में भेजा है। जिला परिवहन पदाधिकारी के अलावा मोटरयान निरीक्षक एवं आरटीओ की पोस्टिंग की गई है। बावजूद इसके ओवरलोडेड वाहनों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।

क्या है नियम
जिले में ओवरलोडेड ट्रकों का पास कराने का खेल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। परिवहन विभाग जो भी ओवरलोडेड वाहनों को पकड़ता है, उस पर फाइन लगाकर छोड़ देता है। जबकि नियम कहता है कि ट्रक पर जितना ओवरलोडेड माल है, उतना उतारकर क्षमता के अनुसार माल छोड़ दिया जाए। लेकिन, यहां ऐसा नहीं किया जा रहा है। जुर्माना लगाने के बाद ओवरलोडेड माल को छोड़ दिया जाता है। लेकिन, अधिकारी ओवरलोडेड माल को रखने के लिए कोई जगह नहीं होने का बहाना बनाकर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

कहते हैं संघ के अध्यक्ष
ट्रक ऑपरेटर संघ के जिलाध्यक्ष विनय सिंह कहते हैं कि उनके संगठन द्वारा ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाने का कई बार निर्णय लिया गया। इसपर अमल भी किया गया। लेकिन, प्रशासन से मदद नहीं मिलती है। फोरलेन पर विभाग की मिलीभगत से ओवरलोडेड वाहनों को पास कराया जाता है।

कहते हैं अधिकारी
जिला परिवहन पदाधिकारी जयकुमार द्विवेदी ने कहा कि ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ओवरलोडेड ट्रकों की संख्या कम हुई है। रोजाना ऐसे वाहनों को पकड़ा जाता है।

इतने क्षमता तक होता है वजन
ट्रक         टन
10 चक्का        15 टन
12 चक्का        20 टन
16 चक्का        23 टन
18 चक्का        27 टन
22 चक्का        31 टन

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