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रिविलगंज सरकारी अस्पताल में बेड नहीं ठेले पर इलाज

बिहार में स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज का भले ही लाख दावे करे पर सच्चाई इससे इतर है। सारण जिला मुख्यालय से महज दस किमी दूर रिविलगंज पीएचसी में मंगलवार को इस दावे की हवा निकलते देखी...

रिविलगंज सरकारी अस्पताल में बेड नहीं ठेले पर इलाज
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 05 May 2016 08:45 AM
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बिहार में स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज का भले ही लाख दावे करे पर सच्चाई इससे इतर है। सारण जिला मुख्यालय से महज दस किमी दूर रिविलगंज पीएचसी में मंगलवार को इस दावे की हवा निकलते देखी गई। 

यहां डॉक्टर को मरीज का इलाज बेड की बजाय ठेले पर करते देखा गया। 
नयका टोला निवासी जयराम साह के 30 वर्षीय पुत्र राधेश्याम साह किसी घटना में गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। घायलावस्था में परिजन उन्हें इलाज के लिए ठेले पर लेटाकर पीएचसी लाये। यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने मरीज को अस्पताल के बेड पर भी ले जाने की जहमत नहीं उठाई और ठेले पर ही मरीज का इलाज शुरू कर दिया। इतना ही नहीं उन्हें तुरंत बेहतर इलाज के नाम पर इलाज कर सदर अस्पताल रेफर कर अपनी जवाबदेही से मुक्त हो गए। 

स्थानीय लोगों में पीएचसी में इस अव्यवस्था को देख काफी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि अस्पताल की व्यवस्था सुधरने की बजाय लगातार गिरती जा रही है। 
हालांकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डी के सिन्हा ने कहा कि मरीज गंभीर रूप से घायल था। परिजनों का कहना था कि उसे अविलंब सरकारी एम्बुलेंस से सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाय। परिजनों के दबाव में ही ठेले पर इलाज कर उसे एम्बुलेंस से छपरा भेजा गया।

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