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अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटाबेस बनाएगी पुलिस

बिहार पुलिस अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटा बैंक तैयार करेगी। इसके लिए जल्द ही अत्याधुनिक सिस्टम की खरीद होगी ताकि फिंगर प्रिंट का डाटा बेस उसमें फिड किया जा सके। सीआईडी ने राज्य के सभी जिलों के...

अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटाबेस बनाएगी पुलिस
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 17 Jun 2016 01:03 PM
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बिहार पुलिस अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटा बैंक तैयार करेगी। इसके लिए जल्द ही अत्याधुनिक सिस्टम की खरीद होगी ताकि फिंगर प्रिंट का डाटा बेस उसमें फिड किया जा सके। सीआईडी ने राज्य के सभी जिलों के एसपी को सजायाफ्ताओं के फिंगर प्रिंट लेने का निर्देश दिया है। इसका मकसद आदतन अपराधियों पर शिकंजा कसना है। 

सीआईडी तैयार करेगी डाटा बैंक
फिंगर प्रिंट सिर्फ सजायाफ्ताओं के ही नहीं लिए जाएंगे। ऐसे संदिग्धों की अंगुलियों के निशान का भी डाटा बैंक बनेगा, जो गंभीर आपराधिक घटनाओं में चार्जशीटेड हैं। जो जेल में होंगे उनकी अंगुलियों के निशान जेल में लिए जाएंगे। जमानत पर बाहर आए ऐसे लोगों को पुलिस थानों पर बुलाकर फिंगर प्रिंट लेगी।
 
हर जिले के दो अफसर होंगे ट्रेंड
एडीजी सीआईडी विनय कुमार ने पुलिस अफसरों को एफएसएल के फिंगर प्रिंट ब्यूरो के एक्सपर्ट से ट्रेंड कराने का निर्णय लिया है। सभी जिलों से दो-दो पुलिस अफसर ब्यूरो में भेजे जाएंगे। इसके अलावा सीआईडी के 50 अफसर भी ट्रेंड होंगे।
 
एएफआई सिस्टम खरीदेगी पुलिस
बिहार पुलिस डाटा बैंक बनाने के लिए अत्याधुनिक ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एएफआईएस) खरीदेगी। फिंगर प्रिंट जैसे-जैसे तैयार होंगे उन्हें एएफआईएस में फिड किया जाएगा। इससे पुलिस के पास सजायाफ्ता और चार्जशीटेड का डाटा बैंक तैयार हो जाएगा।

दोबारा अपराध किया तो चल जाएगा पता
फिंगर प्रिंट का डाटा बैंक बनाने से पुलिस को कई फायदे होंगे। ऐसा कोई शख्स जिसका फिंगर प्रिंट पुलिस के पास मौजूद है वह किसी दूसरे अपराध में शामिल रहता है तो उसकी पहचान आसानी से हो जाएगी। घटनास्थल से मिले उसकी अंगुलियों के निशान का मिलान डाटा बैंक में मौजूद फिंगर प्रिंट से कराया जाएगा। यदि वह मिल जाता है तो उसके घटना में शामिल होने की पुष्टि के साथ ही पुलिस को साक्ष्य भी मिल जाएगा। 

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