डॉल्फिन मैन प्रो. आरके सिन्हा को मिला पद्मश्री सम्मान
पटना विश्वविद्यालय के प्रो. आरके सिन्हा का पद्मश्री सम्मान के लिए चयन किया गया है। प्रो. सिन्हा को वाइल्ड लाइफ में बेहतर कार्य के लिए चुना गया है। इसबार बिहार से वे एकलौते ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें...

पटना विश्वविद्यालय के प्रो. आरके सिन्हा का पद्मश्री सम्मान के लिए चयन किया गया है। प्रो. सिन्हा को वाइल्ड लाइफ में बेहतर कार्य के लिए चुना गया है। इसबार बिहार से वे एकलौते ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें पद्मश्री के लिए चुना गया है। मेडिकल साइंस को छोड़ दें तो पटना विश्वविद्यालय के शायद ही कोई ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें पद्मश्री मिला हो।
प्रो. सिन्हा को डॉल्फिन मैन के नाम से जाना जाता है। उनके प्रयास से ही 2005 में डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव का दर्जा मिला। प्रो. सिन्हा जलीय जीव-जंतु के संरक्षण के लिए चार दशक से सक्रिय हैं। वे डॉल्फिन पर 1987 से रिसर्च कर रहे हैं।
डॉल्फिन बचाने को चलाया कैंपेन: पहले गंगा नदी में डॉल्फिन का शिकार बड़े स्तर पर किया जाता था। शिकारी तेल निकालने के लिए डॉल्फिन को मारते थे। प्रो. सिन्हा ने इस संबंध में जागरूकता फैलायी। डॉल्फिन को बचाने के लिए कैंपेन चलाया। उनकी बातों को सरकार ने भी गंभीरता से लिया। प्रो. सिन्हा के प्रयास से ही डॉल्फिन को बचाया जा सका है। अब मछुआरे भी डॉल्फिन को पकड़ते नहीं हैं।
पटना में बने डॉल्फिन रिसर्च सेंटर: प्रो. सिन्हा का सपना है कि एशिया का पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर पटना में बने। इससे बिहार की एक पहचान बनेगी। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि पटना विश्वविद्याय के कैंपस में एक बड़ा रिसर्च सेंटर बनेगा। प्रो. सिन्हा पटना विश्वविद्यालय में 1978 से शिक्षक हैं। वे एक साल के लिए बीच में केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक की भूमिका में थे। इसके अलावा प्रो. सिन्हा को कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं। बिहार सरकार से प्रो. सिन्हा कई बार सम्मानित हो चुके हैं।