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शहादत : धमाके और गोलियों की बौछार के बीच कोबरा ने संभाला था मोर्चा

गया-औरंगाबाद के डुमरी नाला के पास कोबरा ने मजबूती से मोर्चा नहीं संभाला होता तो नक्सली हमले में और भी जवानों की जान जा सकती थी। दर्जनों लैंडमाइंस धमाके के बीच नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी।...

शहादत : धमाके और गोलियों की बौछार के बीच कोबरा ने संभाला था मोर्चा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 19 Jul 2016 05:06 PM
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गया-औरंगाबाद के डुमरी नाला के पास कोबरा ने मजबूती से मोर्चा नहीं संभाला होता तो नक्सली हमले में और भी जवानों की जान जा सकती थी। दर्जनों लैंडमाइंस धमाके के बीच नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। अचान हुए हमले के बावजूद जवान घबराए नहीं और उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया।  

मौके पर ही आठ जवानों को खोने के बाद भी कोबरा डटी रही और आखिरकार नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा। 
सोमवार को एडीजी मुख्यालय सुनील कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नक्सली हमले में कोबरा के 10 जवान शहीद हुए और 5 जख्मी। जवानों की जवाबी कार्रवाई में कई नक्सली भी मारे गए। तीन का शव पुलिस ने जब्त किया है। नक्सलियों के शवों के साथ दो इंसास राइफल और एक अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर बरामद हुआ है। जहां घटना हुई वह बेहद दुर्गम इलाका है। यही वजह थी कि शवों को पहाड़ से नीचे लाने में वक्त लगा। 

ज्यादत्तर नुकसान लैंडमाइंस से 
सुनील कुमार ने बताया कि हमले के दौरान लैंडमाइंस विस्फोट के साथ ही नक्सलियों की ओर से भारी गोलीबारी की गई। हालांकि जवानों ने इसका मुहंतोड़ जवाब दिया। सुरक्षाबलों को जो नुकसान हुआ वह ज्यादत्तर लैंडमाइंस विस्फोट के चलते उठाना पड़ा। 

जारी रहेगी सुरक्षाबलों की कार्रवाई 
एडीजी ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के साथ ही पूरी बिहार पुलिस इससे मर्माहत है। जवानों को खोने के बावजूद हमारा मनोबल बरकरार है। नक्सलियों ने खिलाफ पूरी ताकत से अभियान जारी रहेगा। 

25-25 लाख रुपए मुआवजा 
एडीजी ने बताया कि शहीद जवानों के आश्रितों को बिहार सरकार की तरफ से 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा विशेष योजना के तहत जवानों के आश्रितों को बीमा के 20-20 लाख रुपए मिलेंगे।

चूक की समीक्षा होगी
बिहार पुलिस के प्रवक्ता एडीजी सुनील कुमार ने कहा कि दुर्गम इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाना हमेशा खतरों से भरा रहता है। इस अभियान के दौरान कहां और क्या कमी रही इसकी आतंरिक समीक्षा की जाएगी। कमी को हम दुरुस्त करेंगे। 

गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट 
नक्सली हमले की घटना को लेकर एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है। एडीजी ने कहा कि घटना कैसे और क्यों हुई इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया है। राज्य सरकार इसे गृह मंत्रालय को भेजेगी।  

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