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दुल्हन को नहीं भाया दूल्हा, जयमाला के बाद शादी से किया इंकार

रात्रि के 12 बजे थे। गांव की महिलाएं मांगलिक गीत गाने में मशगूल थीं। द्वार पूजा के साथ जयमाला हुई। जयमाले के बाद वरनेत की रश्म भी पूरी हो चुकी थी। तभी एकाएक दुल्हन ने दूल्हे राजा से शादी करने से...

दुल्हन को नहीं भाया दूल्हा, जयमाला के बाद शादी से किया इंकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 11 Jul 2016 05:26 PM
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रात्रि के 12 बजे थे। गांव की महिलाएं मांगलिक गीत गाने में मशगूल थीं। द्वार पूजा के साथ जयमाला हुई। जयमाले के बाद वरनेत की रश्म भी पूरी हो चुकी थी। तभी एकाएक दुल्हन ने दूल्हे राजा से शादी करने से इंकार कर दिया। अचानक दुल्हन के इस निर्णय से बाराती और गांव वाले चौंक गए।

आभूषण चढ़ाने को लेकर शुरू हुआ विवाद
भेल्दी थाने के रज्जूपुर गांव से डेरनी थाने के सुतिहार बिनटोली में बारात गई थी। रज्जूपुर गांव के जरिधन मांझी के पुत्र सुरेश कुमार व डेरनी थाने के सुतिहार बिनटोली गांव के रामसेवक मांझी की पुत्री कुमारी सविता दोनों प्रणय-सूत्र में बंधने वाले थे। बताया जाता है कि वरनेत के समय छह थान आभूषण चढ़ाए गए। वधू पक्ष के लोगों को आभूषण कम लगा और मंडप में ही वर पक्ष से मारपीट करने पर उतारू हो गये। तभी दुल्हन ने दूल्हे के समक्ष आकर कहा यह लड़का मुझे पसंद नहीं है और इनसे शादी नहीं करूंगी।

पंचायत में भी नहीं बनी बात
 दुल्हन के निर्णय को सुन बाराती व गांव के लोग दांतों तले अंगूली दबाने लगे। घर वाले भी कहने लगे कि अब किसी भी सूरत में शादी नहीं होगी। रात्रि में ही वधू पक्ष ने शादी के मंडप को उखाड़ दिया। सोमवार सुबह पंचायत बैठ गई। पंचायत में मुखिया से लेकर गांव व वर पक्ष की ओर से पंच जुट गये। मुखिया उपेन्द्र राय,कृष्णा राय,लक्ष्मी नारायण सिंह,होतीलाल राय,रामभगवान राय,शंभूनाथ राय आदि पंचों ने वधू पक्ष को करीब तीन घंटे तक शादी के लिए मनाते रहे मगर उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अंत में वधू पक्ष ने वर पक्ष से माफी मांग कुछ सामान लौटा दिए और बारात बिन दुल्हन घर लौट आयी।

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