सहरसा में टमटम की किल्लत बढ़ा रही लालू सेना की मुश्किलें
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का फरमान-‘टमटम से गांव जाएं कार्यकर्ता’ ने पार्टी से जुड़े स्थानीय नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब शहर क्या गांवों में भी टमटम कम दिख रहे हैं, लेकिन आलाकमान...
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का फरमान-‘टमटम से गांव जाएं कार्यकर्ता’ ने पार्टी से जुड़े स्थानीय नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब शहर क्या गांवों में भी टमटम कम दिख रहे हैं, लेकिन आलाकमान का फरमान है तो कहीं से टमटम खोज कर लाना ही है। एक-दो टमटम मिल गये तो काम चल जाएगा। राजद कार्यकर्ताओं का समय लालू प्रसाद के संदेश को गांव तक पहुंचाने से अधिक टमटम खोजने में निकल रहा है। मुश्किल से कहीं टमटम मिल गया, तो मीडियाकर्मियों को बुला फोटो खिंचवाने के बाद एक-आध गांव से अधिक नहीं जा पाते। कुछ वर्ष पहले सहरसा में टमटम बड़ी संख्या में चला करते थे। सहरसा के अलावा सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा कचहरी रेलवे स्टेशनों पर कतार में लगे दर्जनों टमटम चालक यात्रियों के इंतजार में रहते थे। दूर-दराज के इलाके के सफर के लिए टमटम ही सुविधा थी, क्योंकि उस समय शहर से बाहर सड़कें अच्छी नहीं थीं। तीन पहिया वाहन, रिक्शा की जगह लोग टमटम से ही सफर करना बेहतर समझते थे। अब स्थितियां बदल गई हैं। अधिकतर इलाकों में सड़कें पक्की हो गई हैं। अब टमटम की जगह सफारी, स्कार्पियो, बोलेरो, ऑटो, बैटरी चालित रिक्शा ने ले ली है। बरियाही, सोनवर्षा कचहरी, सिमरी बख्तियारपुर आदि क्षेत्रों में अभी भी कुछ टमटम दिख जाते हैं, लेकिन इनका उपयोग अब सामान ढुलाई में ही अधिक हो रहा है। राजद सुप्रीमो के फरमान के बाद यहां के कार्यकर्ताओं की चिंता इस बात को लेकर अधिक है कि भाजपा के रथ का मुकाबला दो-चार टमटम से कैसे कर पाएंगे?
राजद के जिलाध्यक्ष मो. ताहिर कहते हैं कि वे सहरसा के विभिन्न प्रखंडों के गांवों से टमटम चालकों की सूची तैयार कर रहे हैं। लालू जी ने ही प्रति टमटम 500 रुपए भाड़ा भी तय कर दिया है। थोड़ा मुश्किल काम है। बरियाही, बनगांव, कमलपुर, पतरघट आदि क्षेत्रों में कितने टमटम हैं इसका पता लगाया जा रहा है, ताकि सूची बनायी जा सके।