बिहार: जनसाधारण एक्सप्रेस से 12 मानव तस्कर गिरफ्तार, 48 बच्चे छुड़ाए
जीआरपी, एसएसबी व चाइल्ड लाइन ने संयुक्त अभियान चलाकर शनिवार देर रात 48 बच्चों को मुजफ्फरपुर जंक्शन से मुक्त कराया। मौके से 12 मानव तस्करों को भी पकड़ा गया है। बच्चों को मजदूरी कराने के लिए मुंबई ले...
जीआरपी, एसएसबी व चाइल्ड लाइन ने संयुक्त अभियान चलाकर शनिवार देर रात 48 बच्चों को मुजफ्फरपुर जंक्शन से मुक्त कराया। मौके से 12 मानव तस्करों को भी पकड़ा गया है। बच्चों को मजदूरी कराने के लिए मुंबई ले जाया जा रहा था। सभी रक्सौल से एलटीटी जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस में सवार थे।
मुक्त बच्चे पूर्वी व पश्चिम चंपारण के अलग-अलग इलाकों के हैं। पूछताछ के बाद बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। काउंसिलिंग के बाद बच्चों को परिजनों के हवाले किया जायेगा। गिरफ्तार आरोपितों में पूर्वी चंपारण के अजगरी के मो. रुस्तम, झिटकहिया के मो सद्दाम अंसारी, साबिर अंसारी, लखौड़ा के विजय सहनी, चिरैया के ललबेगिया के शिवशंकर ठाकुर, प. चंपारण के इनरवा के रैफुल आजम, नौतन के रामभुवन साह, योगपट्टी के शमीद अंसारी, माझौलिया के सकील अहमद, गौनाहा के फिरोज अंसारी, सुगौली के शलीम मियां, बेतिया के तवारक हुसैन हैं।
जंक्शन पर रातभर चला ऑपरेशन
लोकमान्य तिलक टमिनल जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस शनिवार की रात नौ बजे जंक्शन पर आयी। एसएसबी को सूचना थी की ट्रेन से बड़ी संख्या में बच्चे मजदूरी कराने के लिए मुंबई भेजे जा रहे हैं। इसके बाद घेराबंदी कर 60 बच्चों व 40 संदिग्धों को पकड़ा गया। छानबीन के बाद 12 बच्चों व 28 संदिग्धों को छोड़ दिया गया। इस बाबत एसएसबी पिपराकोठी के उप कमांडेंट अमित कुमार के बयान पर जीआरपी में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
कई घंटे तक कराया जाता है काम
मुक्त कराये गए बच्चों में कई ऐसे हैं, जो पहले से ही मुंबई में मजदूरी कर रहे हैं। बच्चों ने बताया कि मुंबई की बैग फैक्ट्री में सुबह नौ से रात 11 बजे तक काम कराया जाता है। बदले में छह हजार रुपये मजदूरी मिलती थी। छुट्टी मांगने पर पिटायी की जाती है। बाल मजदूरों ने बताया कि उनको भूखे-प्यासे भी रखा जाता है। कई बार हालात काफी खराब हो जाते हैं।
मानव तस्करी के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है। गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है। उनके साथियों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
बीएन झा, रेल एसपी