16 सौ गांवों में 2017 तक खोली जाएगी बैंक शाखाएं
हर पंचायत में बैंकों की शाखाएं पहुंचाने की योजना पर काम तेज हो गया है। पांच हजार की आबादी वाले चयनित 16सौ गांवों में बैंकों की शाखाएं शीघ्र खुलेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक बिहार और झारखंड के...

हर पंचायत में बैंकों की शाखाएं पहुंचाने की योजना पर काम तेज हो गया है। पांच हजार की आबादी वाले चयनित 16सौ गांवों में बैंकों की शाखाएं शीघ्र खुलेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक बिहार और झारखंड के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार वर्मा के मुताबिक 31 मार्च, 2017 तक पांच हजार की आबादी पर एक बैंक शाखा खोलने के लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बिहार की हर पंचायत में एक बैंक खोलने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। वर्ष 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर 21 नए बैंक खुलने वाले हैं। ये बैंक बिहार में भी अपना कारोबार करेंगे। इन बैंकों से भुगतान और छोटे ऋण का काम होगा। सिर्फ छोटे किसानों तथा छोटे उद्यमियों, कारोबारियों को अधिकतम 25 लाख रुपए तक का लोन ये बैंक दे सकेंगे। इन बैंकों को स्पेशल बैंक लाइसेंस मिला है। पेटीएम बैंक अप्रैल में ही बिहार में आ जाएगा।
क्षेत्रीय प्रबंधक वर्मा ने बताया कि राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बुधवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई 22वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जमाराशियों के भुगतान से संबंधित 18 मामले जो आर्थिक अपराध इकाई द्वारा निष्पादित किए गए हैं, उनमें चार्जशीट की जा रही है। शेष 98 मामलों की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रहा है। पीआईडी अधिनियम के तहत राज्य के नौ प्रमंडलों में नामित न्यायालयों के माध्यम से इन मामलों का निपटारा होगा।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी द्वारा रजिस्टर करने के दौरान नई कंपनियों का दस्तावेज भौतिक जांच ईओयू करेगी। जिलावार वित्तीय संस्थानों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। जो भी नई फाइनेंशियल कंपनी खुलेगी उसके संबंध में पूरी सूचना बैंक द्वारा संबंधित जिलाधिकारी को देना अनिवार्य किया गया है। जो बैंक विस्तृत ब्यौरा डीएम को नहीं देंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अप्रैल के पहले सप्ताह में आरबीआई द्वारा बिहार में वित्तीय साक्षरता सप्ताह मनाया जाएगा।