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नीतीश के ट्वीट पर सियासी बवाल, सफाई में कहा भाजपा की राजनीति विषैली

बिहार विधान सभा चुनाव से पहले बयानों पर सियासी बवाल की कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ट्वीट भी जुड़ गया। उन्होंने अपने ट्विटर पर "आस्क नीतीश" आयोजन के तहत पूछे गए एक सवाल के...

नीतीश के ट्वीट पर सियासी बवाल, सफाई में कहा भाजपा की राजनीति विषैली
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Jul 2015 07:22 PM
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बिहार विधान सभा चुनाव से पहले बयानों पर सियासी बवाल की कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ट्वीट भी जुड़ गया। उन्होंने अपने ट्विटर पर "आस्क नीतीश" आयोजन के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में रहीम की कविता को पोस्ट किया। इस ट्वीट को भाजपा ने मुद्दा बनाया और कहा कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद पर निशाना साधा है। उधर, लालू प्रसाद ने कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन कहा कि नीतीश कुमार ही सफाई दे सकते हैं, हो सकता है उन्होंने भाजपा पर टिप्पणी की हो। बाद में मुख्यमंत्री ने साफ किया कि उनका इशारा भाजपा की तरफ था।

मुख्यमंत्री का ट्वीट
जो रहीम उत्तम प्रकृति
का करि सकत कुसंग
चंदन विष व्यापत नहीं,
लिपटे रहत भुजंग


जहरीले विचारों का हम पर असर नहीं पड़ता : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि लोग निश्चिंत रहें, जहरीले विचारों का हम पर असर नहीं पड़ता। मेरा एकमात्र एजेंडा बिहार का विकास है। उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर ‘आस्क नीतीश’ नाम से एक आयोजन शुरू किया है, जिसके तहत मंगलवार और शनिवार को लोगों से सवाल आमंत्रित किए जाते हैं। वह इसका जवाब देते हैं।

मुख्यमंत्री से पूछा गया था कि आप लालू प्रसाद के साथ हैं, अगर आपको सरकार बनाने लायक नंबर (सीट) मिल गए तो फिर सुशासन का राज कैसे स्थापित करेंगे? इस सवाल पर नीतीश कुमार ने रहीम का दोहा - जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग, चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग.. पोस्ट किया था।

मुख्यमंत्री के इस ट्वीट पर बुधवार को सियासी बवाल खड़ा हो गया। भाजपा नेताओं ने इसे मुद्दा बनाया और कहा कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद पर इशारे-इशारे में टिप्पणी की है। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन समेत पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और अधिकार मोर्चा के पप्पू यादव ने अपने-अपने तरीके से पलटवार किया। इसे जदयू-राजद गठबंधन में गांठ करार दिया और पूछा कि नीतीश कुमार बताएं कि सांप कौन है।

मुख्यमंत्री से जब इस बारे में पूछा गया तो साफ किया लालू प्रसाद पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है। कहा कि ट्वीटर पर सवाल करने वाले को उन्होंने साफ किया है कि भाजपा के साथ हम इतने दिनों तक रहे पर सांप्रदायिकता को लेकर भाजपा के जहर का मेरे ऊपर कोई असर नहीं पड़ा। इसलिए लोगों को आश्वस्त रहना चाहिए कि जब तक हम रहेंगे, सुशासन का एजेंडा लागू रहेगा।

उदाहरण भी सामने है
नीतीश कुमार ने कहा कि उदाहरण भी सामने है, भाजपा का रास्ता अतिवाद की ओर जा रहा था तो हमने यह साबित किया कि सांप्रदायिक एजेंडा के साथ कोई अपने जहरीले विचार हम पर थोप नहीं सकता। हम एकबग्गा हैं, विकास के रास्ते पर हैं। उन्होंने कहा कि अपनी-अपनी बात कहने का अंदाज होता है। जब लालू प्रसाद ने कहा था कि सांप्रदायिक ताकतों के लिए वह जहर पीकर भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाएंगे तो क्या उन्होंने हमें जहर कहा था?

लालू प्रसाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जहर बताते हैं, तो नीतीश कुमार लालू प्रसाद को विषैला सांप। ऐसे में इस विषैले सांप का जहर उतारने की दवा सिर्फ भाजपा के पास है। नीतीश कुमार कितनी भी सफाई दे लें, लेकिन दोहे के माध्यम से उन्होंने खुद को चंदन तो बताया ही लालू प्रसाद को जहरीला सांप भी बता दिया। यह भाजपा के संदर्भ में कही गई बात नहीं है, क्योंकि नीतीश कुमार से पूछा गया सवाल लालू प्रसाद से जुड़ा हुआ था। भाजपा की संगति से नीतीश कुमार राज्य में सुशासन ला सके थे। अब लालू प्रसाद की कुसंगति से बिहार जंगलराज की ओर बढ़ चला है।  
सुशील कुमार मोदी, पूर्व उप मुख्यमंत्री

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