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बिहार का चुनावी मुद्दा बन रहा है बहुचर्चित मध्याह्न भोजन गंडामन कांड

दो साल पहले मशरक के गंडामन के स्कूल में हुआ बहुचर्चित मध्याह्न भोजन हादसा इस बार चुनावी मुद्दा भी बनने लगा है। अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गंडामन नहीं आने पर विरोधी दलों के नेता सवाल खड़ा कर रहे...

बिहार का चुनावी मुद्दा बन रहा है बहुचर्चित मध्याह्न भोजन गंडामन कांड
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 15 Jul 2015 09:21 PM
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दो साल पहले मशरक के गंडामन के स्कूल में हुआ बहुचर्चित मध्याह्न भोजन हादसा इस बार चुनावी मुद्दा भी बनने लगा है। अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गंडामन नहीं आने पर विरोधी दलों के नेता सवाल खड़ा कर रहे हैं। खासकर हाल में ही मुख्यमंत्री द्वारा घर-घर दस्तक कार्यक्रम शुरू करने को ले उन्हें कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।

हाल में ही मढ़ौरा में भाजपा के विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में आये विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता व पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने सवाल पूछा कि मुख्यमंत्री यह बतायें कि उन्होंने अब तक गंडामन में दस्तक क्यों नहीं दिया? पीड़ित परिवारों से उन्होंने उनका दु:ख-दर्द जानने की कोशिश क्यों नहीं की?

वहीं बनियापुर में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के क्रम में पूर्व मंत्री व विधान पार्षद डॉ महाचंद सिंह ने भी इसे ले मुख्यमंत्री व जदयू के दस्तक कार्यक्रम पर निशाना साधा। जाहिर है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में विरोधी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठायेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

हादसे के बाद यह पहला चुनाव नहीं
वैसे गंडामन हादसे के बाद यह पहला चुनाव नहीं है। पिछले साल लोकसभा चुनाव हुआ था। हालांकि उक्त चुनाव के दौरान हादसे को हुए एक साल भी पूरे नहीं हुआ था। लिहाजा कोई भी नेता गांव में वोट मांगने नहीं पहुंचा था। नेताओं के वाहन धर्मासती से होकर रोड से सरपट दौड़ जरूर रहे थे, लेकिन यहां ठहर नहीं रहे थे।

चुनाव प्रचार के शोर से बिल्कुल दूर रहे ग्रामीणों ने हालांकि लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी बढ़-चढ़कर दी थी। यहां के लोगों ने अपना अधिकार मान मतदान किया और वोटिंग का प्रतिशत भी अपेक्षाकृत अधिक रहा था। हालांकि लोकसभा चुनाव में यह हादसा चुनावी मुद्दा नहीं बना था।

कुछ माह पहले ही स्कूल मैदान में आये थे नीतीश व लालू
गंडामन के जिस नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में यह हादसा हुआ था, उस स्कूल का मैदान पहले कई चुनावी सभाओं का गवाह बन चुका था। हादसे के दो माह पूर्व ही महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुआ था। तब यहां अपने-अपने दल की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद दोनों आये थे। दोनों ने चुनावी सभाएं की थीं। हालांकि हादसे के बाद यहां चुनावी सभा बिल्कुल बंद हो गई है।

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