फोटो गैलरी

Hindi Newsपूर्णिया में मंत्री ने पकड़ा घोटाला, 20 कर्मी घेरे में

पूर्णिया में मंत्री ने पकड़ा घोटाला, 20 कर्मी घेरे में

राज्य के मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने पूर्णिया जिले में योजनाओं में घोटाला पकड़ा है और रिश्वत के खेल में कर्मचारियों की संलिप्तता पायी है। मंत्री की ओर से करायी गई जांच में गड़बड़ी की पुष्टि...

पूर्णिया में मंत्री ने पकड़ा घोटाला, 20 कर्मी घेरे में
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 18 Dec 2016 07:48 PM
ऐप पर पढ़ें

राज्य के मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने पूर्णिया जिले में योजनाओं में घोटाला पकड़ा है और रिश्वत के खेल में कर्मचारियों की संलिप्तता पायी है। मंत्री की ओर से करायी गई जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद प्रखंड स्तर के अफसरों समेत 20 कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

गड़बड़ी के खुलासे के बाद फिलहाल कुछ कर्मियों का फेरबदल भी किया गया है। सभी कर्मचारी जिले के अमौर व बैसा प्रखंडों में कार्यरत हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह जमे हुए थे।

मंत्री के निर्देश पर जिले के बैसा प्रखंड के चंदवार पंचायत में जांच करायी गई। जांच टीम ने पाया कि जहां पोखर होना चाहिए था वहां अभी मकई का खेत है।

दरअसल, उस पंचायत में पोखर खुदाई के लिए तीन साल पहले योजना स्वीकृत की गई थी। लगभग चार लाख की लागत से वहां पोखर का निर्माण कराया जाना था। जांच टीम ने पाया कि कागज पर काम पूरा कर राशि की बंदरबांट कर ली गई।

इसी प्रकार चंदेल पंचायत में मनरेगा के तहत मिट्टी भराई की योजना थी। जांच में पाया गया कि न तो योजना के मुताबिक मिट्टी भराई हुई और न ही उतने मजूदरों को काम मिल पाया। अफसरों की मिलीभगत से ठेकेदार ने जेसीबी से काम किया। अन्य योजनाओं में भी शिकायत सही पायी गई।

इस संबंध में मंत्री ने बताया कि न सिर्फ मनरेगा बल्कि बाल विकास परियोजना और अंचल राजस्व के कामों में भी काफी अनियमितता है। कर्मचारी नामांतरण के लिए रिश्वत मांगते हैं। गड़बड़ी को देखते हुए उन्होंने अमौर व बैसा प्रखंड के मनरेगा के पीओ, सीडीपीओ समेत 20 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा है।

इससे पहले डीडीसी और एसडीओ के जरिए मामले की भी जांच भी करायी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रशासन ने कुछ कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया है। हालांकि उन्होंने निर्देश दिया है कि आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ विधिवत विभागीय कार्यवाही चलायी जाए और उन्हें दंडित किया जाए। इधर, मंत्री के तेवर से जिले के अफसरों में हड़कंप मच गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें