कभी चलाया करते थे जाली नोट, मिली तस्करों को उम्रकैद की सजा
तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी ने मंगलवार को जाली नोट तस्करी मामले में पांच अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर...
तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी ने मंगलवार को जाली नोट तस्करी मामले में पांच अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर अभियुक्तों को जेल में छह माह की अतिरक्त सजा काटनी पड़ेगी। तीन साल पहले घोघा पुलिस ने हजार रुपए के डेढ़ सौ जाली नोट (डेढ़ लाख) के साथ तस्करों को गिरफ्तार किया था।
घोघा थाना क्षेत्र के गोल सड़क के पास 20 जनवरी, 2014 की रात तत्कालीन थाना प्रभारी रामप्रीत कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर आई टेन कार बीआर10क्यू/ 4517 को जब्त किया था। तलाशी के दौरान कार में बैठे दो युवकों के पास से डेढ़ लाख रुपए बरामद किए गए थे। पुलिस ने अगले दिन बैंक में रुपए की जांच कराई तो सभी रुपए जाली पाये गये।
पुलिस ने कार में बैठे तिलकामांझी थाने के मुंदीचक मोहल्ले के अमित कुमार और मुंगेर जिले के बरियारपुर रतनपुर गांव के अभय कुमार को गिरफ्तार किया था। तस्करों ने पुलिस को बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदह जिले से जाली नोट लाया गया था। पुलिस टीम ने तस्करों के निशानदेही पर मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र के मिरजानहाट क्लबगंज मोहल्ले के अशोक कुमार श्रीवास्तव, घोघा आमापुर के गुल्लो मंडल और सुबोध मंडल को गिरफ्तार किया।
तस्करों ने स्वीकार किया था कि जाली नोट घोघा के ईंट भट्ठे में काम करने वाले मजदूरों और ग्रामीण इलाके में खपाया जाता था। घटना को लेकर घोघा थाना प्रभारी के बयान पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। कोर्ट में घटना की स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई शुरू की गई थी। कोर्ट में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साह और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कामेश्वर पांडे, काशीनाथ मिश्रा और सुनील कुमार सिंह ने बहस में भाग लिया।