प्रशासन सजग नहीं हुआ तो हो सकता है बड़ा हादसा
मधेपुरा और सहरसा सीमा से सटे मुड़बल्ला दक्षिणबाड़ी और सहरसा के ठेंगहा गांव के बीच कभी खूनी संघर्ष हो सकता है। मधेपुरा और सहरसा जिले के सीमांकन की जमीन के सवाल पर 14 जनवरी को हुई गोलीबारी के बाद भी...
मधेपुरा और सहरसा सीमा से सटे मुड़बल्ला दक्षिणबाड़ी और सहरसा के ठेंगहा गांव के बीच कभी खूनी संघर्ष हो सकता है। मधेपुरा और सहरसा जिले के सीमांकन की जमीन के सवाल पर 14 जनवरी को हुई गोलीबारी के बाद भी प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। सीमा क्षेत्र की जमीन पर कब्जा करने को लेकर पहले भी कई बार प्रशासन को आवेदन देकर घटना की आशंका जतायी गयी थी। जिले के खौपेती गांव के पास मुरबल्ला दक्षिणबाड़ी और मौजा कांप के बीच मधेपुरा और सहरसा जिले का सीमांकन के लिए मिट्टी का बांध बनाया गया था। बांध की एक तरफ मधेपुरा और दूसरी तरफ सहरसा जिला क्षेत्र है। इसी बांध को ध्वस्त कर ठेंगहा गांव के कुछ लोगों द्वारा जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। गोलीबारी की घटना के बाद मधेपुरा के सीओ मिथिलेश कुमार ने ग्रामीणों से आवेदन मिलने की बात स्वीकारते हुए कहा था कि रविवार को सीमांकन के लिए टीम भेजी जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। लिहाजा मुड़बल्ला दक्षिणबाड़ी गांव के लोग किसी अनहोनी की आशंका से डरे सहमे हैं। मुड़बल्ला के ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पहले ठेंगहा गांव के कुछ लोगों ने ट्रैक्टर के सहारे सीमा क्षेत्र के जमीन के कुछ हिस्से को अपनी जमीन में मिलाया था।
ग्रामीण लक्ष्मी यादव, अरुण यादव, अरविन्द यादव, रमेश यादव, संतोष यादव, रंजीत यादव, विजय कुमार, रविन्द्र कुमार, जयकुमार आदि ने बताया कि 1956 में ही सरकार के आदेश पर यह सीमांकन बांध बनाया गया था। मधेपुरा जिले के नक्शे में भी यह अंकित हैं।
लेकिन सहरसा ठेंगहा के लोग इस सीमांकन बांध के सहरसा जिले में रहने का दावा करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ठेंगहा के लोग सरकारी जमीन को जबरन कब्जा करना चाहते हैं। गांव वालों ने बताया कि बांध का उपयोग आमलोगों की आवाजाही के अलावा मवेशी चराने के लिये होता है।