पूर्णिया में एक भी मोहल्ले नहीं जहां जल निकासी की हो माकूल व्यवस्था
शहर में जल निकासी की समस्या क्रोनिक डिजीज बनी हुई है। ड्रेनेज व्यवस्था लगभग जर्जर है। घर का अपशिष्ट एवं गंदाजल सड़कों पर ही छोड़ना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। जनसरोकार की इस समस्या से नगर निगम के...
शहर में जल निकासी की समस्या क्रोनिक डिजीज बनी हुई है। ड्रेनेज व्यवस्था लगभग जर्जर है। घर का अपशिष्ट एवं गंदाजल सड़कों पर ही छोड़ना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। जनसरोकार की इस समस्या से नगर निगम के अधिकारी को इससे दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
ऐसा नहीं कि शहर में ड्रेनेज नहीं है। यहां एक ड्रेनेज है मगर उससे मुहल्लों के नालियों से कोई जुड़ाव ही नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि मुहल्लों के नालों के मेन ड्रेन से जुड़ाव को किसी ने रोक लिया है। हकीकत इससे अलग है। हालात ऐसे हैं कि यहां रोज नित नये मुहल्ले बसते जा रहे हैं। वहां सड़कें दी जा रही हैं मगर नालों के लिए जगह नहीं छोड़ा जा रहा है जिससे मुहल्लों में नाले बनाये जाने के विकल्प ही नहीं बच रहा है। स्वाभाविक है जब नाले ही नहीं बनेंगे तो जुड़ाव किस ड्रेन से होगा और घरों का पानी कहां जायेगा?