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किसानों को सता रहा है मौसम के बदलाव का डर

सुबह में जब आसमान में बदरी के होने का संकेत मिलता है, तो किसानों का दिल बैठने लगता है। नुआंव के किसान सभापति सिंह कहते है कि आसमान का रुख बदलते ही किसानों का दिल बैठने लगता है। क्योंकि हल्की बारिश...

किसानों को सता रहा है मौसम के बदलाव का डर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 01 Apr 2017 11:33 AM
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सुबह में जब आसमान में बदरी के होने का संकेत मिलता है, तो किसानों का दिल बैठने लगता है। नुआंव के किसान सभापति सिंह कहते है कि आसमान का रुख बदलते ही किसानों का दिल बैठने लगता है। क्योंकि हल्की बारिश तैयार रबी फसल तबाह हो जाएगी। और किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।

मेहनत और पूंजी लगी है दांव परः खरीफ के मौसम में धान की खरीददारी नहीं होने से किसान हताश थे। लेकिन रबी के मौसम में एकबार फिर किसानों ने अपनी जमा पूंजी लगाकर खेत को आबाद किया। अब फसल खेतों में पककर तैयार है। कटनी शुरू हो गयीं है। नंदन के किसान राजगृही सिंह ने बताया कि चने की फसल की कटनी शुरू है। लेकिन बराबर मौसम पर नजर अटकी हुई है। किसान का कहना है कि पानी की बूंदाबांदी से पहले फसल की दौनी कर लेना चाहते है। किसानों का कहना है कि यदि मौसम बदला, तो दलहन पर आफत आ जाएगी।

कटनी में भिड़े किसान: प्रखंड के सोलह पंचायतों में इसबार रबी की अच्छी फसल हुई है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी शौकत अली ने बताया कि प्रखंड में मसूर 1150 हेक्टेयर, तोरी 168 हेक्टेयर, दलहन 800 हेक्टेयर, चना 400 और गेंहू कई फसल 9 हजार 400 हेक्टेयर में लगायी गयीं थी। उन्होंने बताया कि फसल पककर तैयार है। कटनी शुरू हो चुकी है। नुआंव के किसान बुद्धिराम यादव ने बताया कि गेंहू की कटनी शुरू है लेकिन आंधी पानी का डर सता रहा है। किसान ने बताया कि यदि मौसम में बदलाव हुआ तो गेंहू का पौधा खेत में गिर जाएगा। किसान मौसम अनुकूल होने को लेकर ईश्वर को याद कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि मौसम अनुकूल रहा, तो मेहनत और पूंजी दोनों वापस हो जाएगी। अन्यथा हर बार की तरहकिसानों को जीवन से संघर्ष करने को विवश होना पड़ेगा।

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