भारत का बाजार 15 दिन से बन्द, नेपाल को भी झटका
नेपाल और भारत के बीच 15 दिनों से बसही बाजार पूरी तरह से बन्द है। इसके कारण बसही के छोटे बड़े व्यापारियों का अब बुरा हाल होने लगा है । इसके अलावा बसही गांव के तमाम किसानों ने नेपाल के अन्दर जमीन लेकर...
नेपाल और भारत के बीच 15 दिनों से बसही बाजार पूरी तरह से बन्द है। इसके कारण बसही के छोटे बड़े व्यापारियों का अब बुरा हाल होने लगा है । इसके अलावा बसही गांव के तमाम किसानों ने नेपाल के अन्दर जमीन लेकर खेती कर रखी है। अब उन्हें भी डर सताने लगा है। 15 दिनों का समय बीतने के बाद भी अभी तक सर्वे की टीमें नहीं पहुंची हैं जिसके कारण लोगों में काफी आक्रोश है।
तकरीबन 15 दिन पूर्व भारत नेपाल सीमा से सटे गांव बसही के निकट अन्तर्राष्ट्रीय पिलर संख्या 200 के करीब नोमैन्स लैण्ड पर नेपाल के कंचनपुर जिले की पुनर्वास नगर पालिका द्वारा जबरन नाले पर पुलिया का निर्माण शुरू करा दिया गया था। जिसको लेकर एसएसबी व नेपाली नागरिकों में दो दिनो तक काफी टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। घटना के दौरान करीब एक दर्जन से ज्यादा एसएसबी के जवान व थाना पुलिस के एसआई व दर्जनों भारतीय नागरिक पत्थरबाजी में घायल हो गये थे। गम्भीर स्थिति केा भांपते हुए डीएम आकाशदीप व एसपी मनोज कुमार झा ने 10 मार्च को बसही बार्डर को पूरी तरह से सील कर दिया था। जिसके कारण कमलापुरी, इन्द्रानगर, मिलनबाजार, माननगर, हंसनगर आदि रास्तों से आवागमन बन्द हो गया था। तब से लेकर अभी तक आवागमन पूरी तरह से बन्द है। जबकि दोनों देशों के बीच रोटी बेटी का संबंध है। भारत नेपाल की खुली सीमा होने के कारण प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है और दोनों देशों की संस्कृति लगभग एक जैसी हैं। यही मुख्य वजह है कि खीरी जिले के कई गांव और कस्बे के लोग अपने बेटी और बेटियों की शादी विवाह भी नेपाल से करते हैं। बसही व सम्पूर्णानगर में दर्जनों घर ऐसे हैं जिनकी शादी नेपाल में हुई है। लेकिन इन दिनों हालात खराब होने के कारण वह लोग भी नेपाल जाने से कतरा रहे है। जबकि नेपाल में कोई बड़ा कारोबार न होने के कारण सैकड़ों की तादाद में नेपाली नागरिक भारत में रोजगार के लिये आते है। बसही काण्ड के बाद बनबसा व गौरीफंटा में भी आवागमन बन्द हो गया था, लेकिन अब वहां स्थिति सामान्य हो गई है और पहले की तरह ही सुचारू रूप से आवागमन शुरू हो गया है। सूत्रो का कहना है कि बसही से सटे नेपाल के छोटे छोटे गांवों में कुछ शरारती तत्वों द्वारा गांवों में समितियों का गठन किया गया है लोगों को डराया धमकाया जा रहा है कि को ई भी नेपाली नागरिक अगर बसही बाजार में खरीददारी करने के लिये गया तो ठीक नहीं होगा। जिसकी वजह से नेपाल व भारत के लोग इधर उधर नहीं जा रहे हैं।