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नवरात्र में ही दीवाली, गोदाम हो गये खाली

मोटरसाइकिलों के शो-रूमों पर ऐसा नजारा आम तौर पर दीवाली के एक दिन पहले ही देखने को मिलता है। शुक्रवार की सुबह शो-रूमों के खुलने से पहले ही ग्राहकों की भीड़ पहुंच गयी थी। जैसे ही शटर उठे, लोग...

नवरात्र में ही दीवाली, गोदाम हो गये खाली
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Mar 2017 06:00 PM
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मोटरसाइकिलों के शो-रूमों पर ऐसा नजारा आम तौर पर दीवाली के एक दिन पहले ही देखने को मिलता है। शुक्रवार की सुबह शो-रूमों के खुलने से पहले ही ग्राहकों की भीड़ पहुंच गयी थी। जैसे ही शटर उठे, लोग मोटरसाइकिलों व स्कूटरों को जल्द से जल्द खरीद लेने की तेजी में दिखने लगे। अचानक बढ़ी डिमांड का आलम यह कि कुछ शो-रूम पर तो सुबह से ही स्टॉक खत्म हो गया था तो कुछ शो-रूम ने दोपहर होते-होते हाथ खड़े कर दिये।

बीएस-3 मानक के वाहनों पर एक अप्रैल से प्रतिबंध लगाने की सूचना के बाद जिले के विभिन्न शोरूम में शुक्रवार को ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गयी। लोग सुबह से ही शोरुम के बाहर नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिये धक्कामुक्की करते नजर आये। कमोबेश ऐसी ही स्थिति गुरुवार को भी रही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने बीएस 3 मानक की गाड़ियों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके चलते सभी कंपनियों ने गाड़ियों की कीमतों में गुरुवार से ही भारी छूट का ऑफर दिया है। गुरुवार को इसकी जानकारी कम लोगों तक पहुंची थी, लिहाजा ग्राहकों का वैसा हुजुम शोरुम पर नहीं हो पाया। लेकिन शुक्रवार को सुबह से ही गड़ियों की कीमतो में पांच हजार से 22 हजार तक कमी किये जाने की खबर आम हो गयी। नई गाड़ियों की कीमतों में जबरदस्त छूट ने हर आम व खास को शोरुम की तरफ रुख करने को विवश किया। देखते ही देखते नई गांड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिये शोरुम के बाहर लोगों का तांता लग गया।

नगर के हैबतपुर, माल्देपुर व बहेरी स्थित विभिन्न दोपहिया वाहन एजेंसी के सामने खरीददारों की भीड़ उमड़ी रही। कहीं-कहीं तो ग्रहकों की लम्बी कतार के कारण एजेंसी होल्डरों को शटर तक गिराना पड़ा। हीरो, होण्डा, टीवीएस व बजाज के शोरुम पर मौजूद गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर लोगों में अफरातफरी रही। वाहन खरीद को लेकर लोगों में काफी उत्साह था लेकिन बहुत कम ग्राहक ही इसका लाभ उठा सके। शोरुम संचालक गाड़ी न होने की बात कह कर पल्ला झाड़ते रहे।

मालामाल हुआ परिवहन विभाग

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने बेमौसम ही ग्राहकों के लिये बहार ला दिया तो परिवहन विभाग भी मालामाल हो गया। आम तौर पर यहां रोजाना 50 से 60 दोपहिया वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाता है लेकिन गुरुवार से इसके जबरदस्त उछाल आ गयी। गुरुवार को 125 गाड़ियों का पंजीकरण हुआ था तो शुक्रवार को यह आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया। हालांकि शुक्रवार को खरीदी गयी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अगले कुछ दिनों में भी होगा, लिहाजा यह आंकड़ा काफी अधिक होने की संभावना है।

पांच से 22 हजार तक की मिली छूट

बीएस-3 मानक वाली गाड़ियों को एक अप्रैल से प्रतिबंधित किये जाने का आदेश पिछले मंगलवार यानी 28 मार्च को दिया गया था। उस दिन वाहनों की खरीददारी आम दिनों की तरह ही रही। बुधवार को भी कोर्ट के आदेश का प्रभाव कुछ खास नजर नहीं आया। गुरुवार को आदेश के परिप्रेक्ष्य में कंपनियों द्वारा आनन-फानन में बीएस 3 मानक के वाहनों की कीमत में पांच हजार से 22 हजार तक छूट दिये जाने की सूचना फैल गयी। शुक्रवार को तो सुबह से लेकर शाम तक जहां ग्राहकों की भीड़ लगी रही वहीं कोई एजेंसी होल्डरों को फोन कर स्थिति का जायजा लेते रहे। किसी भी तरह लोगों में इस मौके का लाभ उठाने की होड़ सी लगी रही।

यहां से वहां भटकते रहे ग्राहक

नये वाहन की चाहत ने ग्राहकों को खूब भटकाया। शुक्रवार को वाहन खरीदने की तमन्ना लिये पहुंचे लोगों की आशाओं पर उस समय तुषारापात हो जा रहा था, जब एजेंसी होल्डर वाहन न होने की सूचना दे देता। इस वजह से ग्राहक एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी का चक्कर काटने को विवश रहा। कहीं-कहीं स्टाक खत्म होने का बोर्ड लगा रहा तो कहीं शोरुम का शटर ही बंद मिला। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कंपनियों को जहां कीमत कम करने को विवश किया, वहीं ग्राहकों को नई गाड़ी की चाहत ने खूब दौड़ाया।

नये वाहन की ख्वाहिश ने जहां ग्राहकों को एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी खूब भटकाया, वहीं शोरुम मालिकों ने भी इसका जमकर फायदा उठाया। 'तू डाल- डाल तो मैं पात-पात' की तर्ज पर एजेंसी मालिक मनमाना करते नजर आये। कहीं तीन हजार से पांच हजार की छूट पर कुछ वाहनों को बेचा गया, तो कहीं 20 फीसदी छूट की बात सामने आयी, लेकिन हर एजेंसी में एक समानता नजर आयी। वह यह कि सैकड़ों गाड़ियों की मौजूदगी के बाद भी ग्राहकों को बैरंग लौटाया गया। कुछ खरीददारों ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि एजेंसी होल्डर बिचौलियों की मदद से गाड़ियों को बेचने का काम कर रहे हैं।

नयी मॉडल को देखा भी नहीं

बीएस तीन मानक वाली गाड़ियों को प्रतिबंधित किये जाने के बाद शुक्रवार को ग्राहकों का जो जमावड़ा देखने को मिला उन सब की नजर इन गाड़ियों पर ही लगी रही। कोई भी खरीददार बीएस 4 मानक के वाहन को खरीदने के प्रति दिलचस्प नहीं दिखा। मौके का लाभ उठाने की हर कोई कोशिश करता रहा। शाम तक शोरुम पर मौजूद ग्राहक किसी तरह वाहन प्राप्त करने के लिये जुगाड़ में लगे रहे।

कोर्ट के निर्णय के कारण नि: संदेह गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर प्रभाव पड़ा है। आम तौर पर रोजाना औसतन 50 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन ही होता था। बुधवार को छुट्टी थी, लेकिन गुरुवार को अचानक यह आंकड़ा बढ़कर 125 हो गया। वैसे रजिस्ट्रेशन की सही संख्या तो तीन-चार दिन बाद ही बतायी जा सकती है, क्योंकि एजेंसियों से एक दिन बाद ही डेटा विभाग को उपलब्ध कराया जाता है।

आंजनेय सिंह, एआरटीओ (प्रशासनिक)

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