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महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने में विफल रही सरकार

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला आरक्षण बिल को सरकार राज्यसभा में पारित कराने में विफल रही। राजद और सपा सदस्यों के भारी विरोध के चलते राज्यसभा छह बार और लोकसभा चार बार स्थगित होने के बाद...

महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने में विफल रही सरकार
एजेंसीMon, 08 Mar 2010 08:31 PM
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला आरक्षण बिल को सरकार राज्यसभा में पारित कराने में विफल रही। राजद और सपा सदस्यों के भारी विरोध के चलते राज्यसभा छह बार और लोकसभा चार बार स्थगित होने के बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उच्च सदन में सपा एवं राजद सदस्यों के भारी हंगामे, नारेबाजी और सभापति के मेज पर लगे माइक उखाड़ने का प्रयास तथा कागज फाड़ने की कुछ घटनाओं के कारण बैठक बार-बार स्थगित करनी पड़ी। वहीं राज्यसभा के घटनाक्रम का असर लोकसभा में भी महसूस किया गया और सपा तथा राजद सांसदों ने पूरे दिन सदन की बैठक नहीं चलने दी।

दोनों ही सदनों में राजद और सपा सदस्यों के भारी हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं चल पाया।

प्रश्नकाल स्थगित होने के बाद राज्यसभा जब दोपहर बारह बजे बैठी तो उपसभापति के रहमान खान ने शोरगुल के बीच आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। सपा, राजद और लोजपा के सदस्यों के हंगामे के बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने महिला अधिकारिता के संबंध में एक बयान सदन के पटल पर रखा। इसके बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

सदन की बैठक दोपहर दो बजे शुरू होने पर हंगामे के बीच ही सभापति हामिद अंसारी के कहने पर कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने महिला आरक्षण के प्रावधान वाले संविधान 108वां संशोधन विधेयक को सदन में विचार के लिए रखा।

कानून मंत्री द्वारा विधेयक को विचार के लिए सदन में रखे जाने के दौरान सपा, राजद एवं जदयू सदस्यों ने विधेयक की प्रति फाड़ते हुए आसन की ओर उछाल दी।

सभापति विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करने के बारे में घोषणा करने जा ही रहे थे कि इसी बीच सपा के कमाल अख्तर ने उनकी मेज तक पहुंच कर कुछ कागज छीन लिये। इसी के साथ सपा के अन्य सदस्य भी सभापति के आसन की ओर चढ़ने का प्रयास करने लगे।

राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों ने सभापति की मेज की ओर बढ़ रहे इन सदस्यों को रोकने का प्रयास भी किया। इसी बीच सपा के एक सदस्य कमाल अख्तर ने सभापति की मेज पर रखे कागजों को उठाने का प्रयास किया तो खींचातानी में मेज पर लगा माइक उखड़ गया।

सदन में अफरा तफरी मचते देख सभापति ने बैठक मध्याह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इसके बाद सदन तीन बजे, चार बजे और छह बजे बैठी। हर बार पीठासीन अध्यक्ष पी जे कुरियन आये और उन्होंने पहले एक घंटे फिर दो घंटे और फिर कल सुबह ग्यारह बजे तक के लिए बैठक स्थगित कर दी।

राज्यसभा में महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पर हुए घटनाक्रम का असर लोकसभा में भी देखा गया। विधेयक हालांकि चर्चा के लिए आज राज्यसभा में पेश हुआ लेकिन इसका विरोध कर रहे दलों के सभी वरिष्ठ नेता चूंकि लोकसभा के सदस्य हैं, इसलिए उन्होंने इस विधेयक को पारित कराने के सरकार के प्रयास का सदन में जमकर विरोध किया।

इससे पहले तक यह विधेयक हमेशा लोकसभा में ही पेश किया जाता रहा है लेकिन पिछली बार इसे राज्यसभा में पेश किया गया था और इसी वजह से इसे पहले उसी सदन में पारित कराना जरूरी है।

लोकसभा में सपा, जदयू और राजद के सदस्य महिला आरक्षण संबंधी विधेयक का विरोध कर रहे थे। इन दलों के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की और कुछ सदस्यों ने विधेयक की प्रति फाड़कर हवा में उछाल दी। चार बार के स्थगन के बाद अंतत़: शाम चार बजे सदन की बैठक कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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