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बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा फार्म लेने उमड़ी भीड़

विशिष्ट बीटीसी में नौकरी पक्की देख बीएड 2010 संयुक्त प्रवेश परीक्षा का फार्म लेने वालों का हुजूम शहर के प्रधान डाकघर में मंगलवार को उमड़ पड़ा। फार्म वितरण आधे घंटे देरी से शुरू होने से आवेदकों को...

बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा फार्म लेने उमड़ी भीड़
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 Mar 2010 10:56 PM
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विशिष्ट बीटीसी में नौकरी पक्की देख बीएड 2010 संयुक्त प्रवेश परीक्षा का फार्म लेने वालों का हुजूम शहर के प्रधान डाकघर में मंगलवार को उमड़ पड़ा। फार्म वितरण आधे घंटे देरी से शुरू होने से आवेदकों को भारी परेशानी ङोलनी पड़ी।

बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा फार्म मंगलवार को अल्फस्टीनगंज स्थित प्रधान डाकघर में जब प्रात: दस बजे नहीं बिकना शुरू हुआ तो युवकों ने हो-हल्ला मचाना शुरू कर दिया। आधे घंटे बाद तीन काउंटरों पर बीएड और यूपीटीयू संयुक्त प्रवेश परीक्षा फार्म का वितरण शुरू हुआ। भीड़ अधिक होने से फार्म लेने आए युवक-युवतियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ी।

इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा बीएड 2010 संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराई जा रही हैं। पांच मई को झांसी, जौनपुर, आगरा, मेरठ, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली, लखनऊ, कानपुर और इलाहाबाद समेत नोडल 11 केन्द्रों पर यह प्रवेश परीक्षा होंगी।

आवेदन पत्र विक्रय और प्रवेश फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च हैं। सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 800 रूपए, एससी-एसटी के लिए 425 रूपए शुल्क निर्धारित हैं। इसी में 50 रूपए डाक खर्च भी जुड़ा हैं।

राज्यभर के जिन 11 विश्वविद्यालयों में बीएड की सीटें आवंटित हैं उनमें लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेल खंड विश्वविद्यालय बरेली, डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी,

इसके अलावा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर, छत्रपति शाहू जी महराज विश्वविद्यालय कानपुर शामिल हैं। सबसे अधिक 200 सीटें मेरठ और सबसे कम 90 सीटें सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय को दी गई हैं।

दररअसल बीएड डिग्रीधारी लोगों को विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थी के रूप में चयनित करके प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति किए जाने से हर कोई इस डिग्री की ओर दौड़ लगा रहा हैं। लाखों लोगों ने हरियाणा, गुजरात, भोपाल और राजस्थान प्रांत में इस डिग्री के लिए दाखिला ले रखा हैं। यूपी में बीएड का कोई सत्र शून्य होने से लाखों लोगों ने यह डिग्री हासिल कर ली हैं।

 

 

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