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केवल बातचीत के लिए वार्ता से नहीं निकलेगा हलः पाक

भारत के साथ सभी मामलों के समाधान के लिए बातचीत को एकमात्र रास्ता बताने वाले पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि केवल वार्ता के लिए वार्ता करते रहने से कोई हल नहीं निकलने वाला है और पड़ोसी देश को अपनी शीत...

केवल बातचीत के लिए वार्ता से नहीं निकलेगा हलः पाक
एजेंसीWed, 03 Mar 2010 08:54 PM
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भारत के साथ सभी मामलों के समाधान के लिए बातचीत को एकमात्र रास्ता बताने वाले पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि केवल वार्ता के लिए वार्ता करते रहने से कोई हल नहीं निकलने वाला है और पड़ोसी देश को अपनी शीत युद्ध की मानसिकता बदलनी होगी।

जियो न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान 25 फरवरी को भारत पाकिस्तान के बीच हुई विदेश सचिव स्तर की वार्ता की ओर संकेत करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने कहा कि हम बहुत आशाएं पाल लेते हैं और खुद हताश हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

इसी प्रकार एक अलग मंच से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सभी द्विपक्षीय विवादों को सतत और सार्थक बातचीत प्रक्रिया के माध्यम से हल कर भारत के संबंधों को सामान्य करने का इच्छुक है। नार्वे के विदेश मंत्री जोनास गार स्टोरे के साथ बैठक के दौरान कुरैशी ने यह बात कही।

विदेश मंत्रालय कार्यालय ने कुरैशी के बयान के हवाले से कहा कि बहरहाल केवल बातचीत के लिए बातचीत करते रहने से उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला। कुरैशी ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के प्रति अपना रवैया बदलने की जरूरत है जो किसी प्रकार से शीत युद्ध की मानसिकता से अब भी जारी है।
 
विदेश सचिव स्तर की हालिया बातचीत के बारे में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वहां खुले दिमाग से गया था। बीते वर्ष जुलाई में शर्म अल शेख में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हुई मुलाकात और दक्षेस के आगामी शिखर सम्मेलन से इतर भूटान में संभावित मुलाकात का उल्लेख करते हुए गिलानी ने कहा कि जब कभी हमारी मुलाकात होती है यह सार्थक होनी चाहिए।

सिंह की हालिया सऊदी अरब यात्रा को गिलानी ने सकारात्मक घटनाक्रम बताया। गिलानी ने कहा कि इससे पाक सऊदी संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों देश इस्लामी सम्मेलन संगठन के सदस्य है और दोनों के मैत्रीपूर्ण रिश्ते काफी प्रगाढ़ हैं। पोखरण में भारत के हाल के सैन्य अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान की रक्षा सुरक्षित हाथों में है और देश को अपनी रक्षा क्षमताओं का पता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चीजों से हम चिंतित नहीं होने वाले।

भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु सहयोग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका को कहा है कि क्षेत्रीय अस्थिरता को रोकने के लिए उन्हें पाकिस्तान के लिए भी कुछ करना चाहिए। गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान अपनी रक्षा और परमाणु नीति से समझौता नहीं करेगा और देश की संप्रभुता और एकता को सुदृढ़ किया जाएगा। पाक सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी को सेवा विस्तार देने के सवाल को वह टाल गए। उन्हें इस साल के अंत में सेवानिवृत्त होना है।

इस मुद्दे पर उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय और सरकार के बीच किसी प्रकार के मतभेद से इनकार किया और कहा कि उचित समय पर इस पर फैसला किया जाएगा। गिलानी ने कयानी को लोकतंत्र समर्थक और उच्च स्तर का पेशेवर व्यक्ति बताया। वहीं, कुरैशी और स्टोरे ने बातचीत में अफगानिस्तान के हालात सहित द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श किया। कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान का पड़ोसी देश है और बीते एक वर्ष से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मत है कि अफगानिस्तान को फिर से एकता के सूत्र में पिरोने और मेलमिलाप का काम अफगान सरकार के नेतृत्व में होना चाहिए।

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