घटिया पानी का पाइप भी दे सकता है बीमारी
क्या आपने अपने घर में पानी का कनेक्शन प्लास्टिक की पाइप लाइन के जरिए लिया है? ऐसा है तो पाइप की गुणवत्ता अवश्य जाँच लें। यदि पाइप की गुणवत्ता बेहतर नहीं हुई तो यह आपको बीमार भी कर सकता है। इसकी वजह...
क्या आपने अपने घर में पानी का कनेक्शन प्लास्टिक की पाइप लाइन के जरिए लिया है? ऐसा है तो पाइप की गुणवत्ता अवश्य जाँच लें। यदि पाइप की गुणवत्ता बेहतर नहीं हुई तो यह आपको बीमार भी कर सकता है। इसकी वजह है लेड (सीसा)। घटिया गुणवत्ता वाले पाइप से लेड निकलकर पानी में मिल जाता है। कुछ वर्षो तक यदि यह क्रम बना रहे तो यह पानी बीमारी की वजह बन जाता है। इसके अलावा पुताई करने वाले कारीगरों के खून में भी लेड की मात्र काफी अधिक पाई गई है।
चिकित्सा विश्वविद्यालय के बायोकैमिस्ट्री विभाग में लेड की विषाक्तता पर हुए शोध से कुछ नए खुलासे हुए हैं। इस शोध में पता चला है कि पानी की पाइप लाइन यदि घटिया प्लास्टिक की बनी हो तो यह कैसे बीमारी का कारण बन सकती है। बायोकैमिस्ट्री विभाग के डॉ. अब्बास अली मेंहदी का कहना है कि आमतौर पर बैटरी के व्यापार से जुड़े लोगों में लेड की विषाक्तता के लक्षण मिलते रहे हैं। लेकिन उनके विभाग की टीम ने कुछ समय के अंदर ऐसे घरों की जाँच की जहाँ पानी का कनेक्शन प्लास्टिक की पाइप लाइन के जरिए दिया गया था।
डॉ. अब्बास का कहना है कि शरीर में लेड की मात्र यदि 10 माइक्रोग्राम परसेंट से अधिक होना खतरे का संकेत है। शरीर में यदि इससे अधिक लेड होने पर कई गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। लेड शरीर में पहुँचने के बाद रक्त में मिल जाता है। इससे सबसे अधिक न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ होती हैं। इसकी मौजूदगी से कई तरह के आनुवा¨शक रोग हो सकते हैं। डॉ. अब्बास का कहना है कि कुपोषण, किडनी और लीवर की बीमारियों के लिए भी लेड एक बड़ा कारण माना गया है।
डॉ. अब्बास ने बताया कि शोध के दौरान पुताई का काम करने वाले 60 कामगारों के शरीर में भी लेड की मात्र देखी गई। इसमें से 20 प्रतिशत कामगारों के रक्त में लेड निर्धारित स्तर से अधिक निकला। अब विभाग इन सभी की जाँच कर यह देख रहा है कि कौन-कौन सी बीमारी से यह पीड़ित हो सकते हैं।
डॉ. अब्बास का कहना है कि चूँकि पेण्ट में लेड होता है इसी वजह से पुताई करने वालों के रक्त में इसकी मात्र अधिक पाई गई है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि ऐसे कामगार सावधानी से पुताई करें ताकि उनके जीवन को खतरा न रहे।