श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के विस्फोटक बल्लेबाज सनथ जयसूर्या का राजनीति में कदम रखने का फैसला उनके पुराने साथी अर्जुन रणतुंगा को रास नहीं आया है। रणतुंगा ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के साथ राजनीति करने के फैसले पर जयसूर्या को आडे-हाथों लिया है।
जयसूर्या आठ अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की फ्रीड़ा एलायंस पार्टी से चुनान लड़ेंगे। वह अपनी सियासी किस्मत अपने गृह नगर मटारा से आजमाएंगे। जयसूर्या ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह क्रिकेट में बने रहकर ही राजनीति करेंगे। वह टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं जबकि एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट में सक्रिय हैं।
स्थानीय समाचार पत्र के अनुसार रणतुंगा ने कहा, ''जयसूर्या का करियर ढलान पर है। संन्यास से पहले राजनीति में कदम रखने के उनके फैसले से एक खराब चलन शुरू हुआ है। जिन खिलाडियों को राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलती, तो इसके लिए वे सत्ताधारी दल के साथ जाकर राजनीतिक मंच का इस्तेमाल करने लगते हैं।''
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1996 का विश्व कप जीतने वाली श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के कप्तान रणतुंगा थे और उस टीम में जयसूर्या एक अहम खिलाड़ी थे। जयसूर्या के विस्फोटक बल्लेबाजी का दौर रणतुंगा के समय ही शुरू हुआ था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रणतुंगा भी राजनीति में आए।