गैस पाइपलाइन बिछाने की योजना विचाराधीन: सरकार
गैस की अबाध आपूर्ति के लिए भारत और पश्चिम एशिया के गैस सम्पन्न देशों के बीच आने वाले वर्षों में गैस पाइपलाइन बिछाई जा सकती है। मंगलवार को राज्य सभा में शोभना भरतिया और एन के सिंह के सवालों के जवाब...
गैस की अबाध आपूर्ति के लिए भारत और पश्चिम एशिया के गैस सम्पन्न देशों के बीच आने वाले वर्षों में गैस पाइपलाइन बिछाई जा सकती है। मंगलवार को राज्य सभा में शोभना भरतिया और एन के सिंह के सवालों के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवड़ा ने यह जानकारी दी।
देवड़ा ने बताया कि दोनों क्षेत्रों के बीच गैस पाइप लाइन लगाने के बारे में हाल के वर्षों में दिलचस्पी बढ़ी है। ऐसा होने से भारतीय तट को आसानी से गैस की आपूर्ति की जा सकेगी।
देवड़ा ने बताया कि मध्य पूर्व के गैस समृद्ध देशों से पाइप लाइन के जरिए गैस की आपूर्ति का प्रस्ताव है ताकि गहरे समुद्र में बिछाई जाने वाली इस पाइप लाइन के जरिए भारतीय तट को गैस की आपूर्ति की जा सके। उनके अनुसार इस पाइप लाइन का केंद्र ओमान या इसके आसपास है।
उन्होंने बताया कि गेल इंडिया लिमिटेड ने पाइप लाइन परियोजना विकसित करने के लिए 2009 के जुलाई माह में सहयोग के सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए हैं। अभी यह प्रस्ताव शुरुआती अवस्था में है।
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार ने रसोई गैस की कीमत बढ़ाए जाने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं किया है।
देवड़ा ने बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य निर्धारण के लिए एक व्यवहारिक और आर्थिक रूप से सक्षम प्रणाली पर किरीट पारिख की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ दल ने अपनी रिपोर्ट तीन फरवरी 2010 को पेश कर दी है।
देवड़ा ने रामचंद्र खूंटिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने विशेषज्ञ दल की सिफारिशों के कार्यान्वयन पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है।
वाई पी त्रिवेदी के प्रश्न के लिखित उत्तर में देवड़ा ने बताया कि सरकार ने सार्वजनिक तेल कंपनियों को घरेलू रसोई गैस के लिए फाइबर सिलेंडरों में आपूर्ति करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार के मिश्रित फाइबर सिलेंडरों में बेची जाने वाली रसोई गैस पर किसी प्रकार की सब्सिडी नहीं होगी।