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बजट में आम आदमी के लिए हो विशेष व्यवस्था

शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बजट में सबके लिए शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधा की पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के साथ ही समाज...

बजट में आम आदमी के लिए हो विशेष व्यवस्था
एजेंसीWed, 17 Feb 2010 05:07 PM
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शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बजट में सबके लिए शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधा की पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के साथ ही समाज के सभी कमजोर वर्गों के विकास के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आर्थिक अध्ययन और योजना केंद्र के डॉ. प्रवीण झा ने सेंटर फार बजट एंड गवर्नेंस एकाउंटीबिलीटी (सीबीजीए) तथा ऑक्सफैम इंडिया द्वारा बजट में आम आदमी के हितों के संदर्भ में आयोजित एक संगोष्ठी में कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को नहीं मिल रहा है और इस दिशा में सरकार निष्क्रिय नजर आती है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा सामाजिक विकास का एक मात्र जरिया है, लेकिन सरकार इस दिशा में हमेशा उदासीन ही नजर आती है। उदाहरण देकर कहा कि देश में असंख्य स्थानों पर स्कूल हैं, लेकिन वहां अध्यापक ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में एक दशक से स्कूलों में अध्यापकों के पद रिक्त पडे़ हैं, लेकिन वहां भर्ती ही नहीं हो रही है। छत्तीसगढ में करीब 14000 पद शिक्षकों के पद कई वर्षों से खाली पडे़ हैं।

डॉ. झा ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सरकारी और निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के मामले में भी उदासीनता छाई हुई है। कस्बों में गलियों में निजी स्कूल तो खुल रहे हैं, लेकिन वहां शिक्षा का स्तर कैसा है यह देखने की किसी को फुर्सत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को बजट में ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि देश के आम आदमी के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण बन सके। उन्होंने कहा कि बुनियादी शिक्षा सब के लिए उपलब्ध कराने पर 4000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की जरूरत है।

ऑक्सफाम की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशा अग्रवाल ने कहा कि बजट में आम आदमी के विकास के लिए पर्याप्त आवंटन और आवंटित राशि के व्यवस्थित इस्तेमाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति तथा जन जाति के लोगों के विकास के लिए जो पैसा दिया जाता है, राज्य सरकारें उसका इस्तेमाल सही तरह से करें यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।

स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए यामिनी ने कहा कि केंद्र सरकार को बजट में अपने चुनावी वादों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए पर्याप्त आवंटन बजट में किया जाना चाहिए, ताकि आम आदमी को उचित चिकित्सा सुविधा स्थानीय स्तर पर ही मिल सके। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सभी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने पर 3000 करोड़ रूपए की जरूरत है।

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