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समुद्र के रास्ते ही आए थे आतंकी : एंटनी

भारत ने मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के समुद्र के रास्ते शहर में दाखिल नहीं होने की पाकिस्तान की दलील यह कहकर ठुकरा दी है कि जांच से साबित हो चुका है कि वे उसी रास्ते आए थे। कोचीन...

 समुद्र के रास्ते ही आए थे आतंकी : एंटनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारत ने मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के समुद्र के रास्ते शहर में दाखिल नहीं होने की पाकिस्तान की दलील यह कहकर ठुकरा दी है कि जांच से साबित हो चुका है कि वे उसी रास्ते आए थे। कोचीन शिपयार्ड में देश के प्रथम विमानवाहक पोत के निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि 2611 की घटना के बाद हमारी एजेंसियों ने मुकम्मल जांच की है और वे इस नतीजे पर पहुंची हैं कि हमलावर समुद्र के रास्ते ही मुंबई में दाखिल हुए थे। नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुरीश मेहता ने यही बात दोहराते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारी जांच एजेंसियां सक्षम हैं और उन्होंने इस बात के ठोस दस्तावेज मुहैया कराए हैं कि हमलावर समुद्र के रास्ते ही शहर में दाखिल हुए थे। एंटनी और मेहता दोनों ही शुक्रवार को पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नोमान बशीर की ओर से किए गए दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। बशीर ने कहा था कि मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के सिलसिले में पकड़ा गया एकमात्र जीवित आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब समुद्र के रास्ते भारत में दाखिल नहीं हुआ था। एंटनी ने कहा कि देश के तटवर्ती तथा अपतटीय क्षेत्रों समेत उसकी संपूर्ण समुद्रवर्ती सुरक्षा का जिम्मा भारतीय नौसेना संभालेगी। उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल और राज्य की समुद्रवर्ती पुलिस और तटवर्ती रक्षा से जुड़ी अन्य केंद्रीय एवं राज्य एजेंसियां इस काम में नौसेना का सहयोग करेंगी। उन्होंने कहा कि मुंबई, विशाखापत्तनम, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में संयुक्त संचालन केंद्र बनाए जाएंगे जिनका संचालन और निगरानी अन्य एजेंसियों से मिली सूचनाआें के आधार पर तटरक्षक बल और नौसेना करेगी। यह घोषणा मुंबई पर नवंबर में हुए आतंकवादी हमलों के बाद सुरक्षा कड़ी किए जाने के उपायों के बाद की गई है। इससे पहले रक्षा मंत्री ने देश के प्रथम विमानवाहक पोत के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। कोचीन शिपयार्ड में विमानवाहक पोत के निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुए एंटनी ने इसे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत नौसेना के लिए मील का पत्थर साबित होगा। विमानवाहक पोत की लंबाई 260 मीटर और चौड़ाई अधिकतम 60 मीटर होगी। इसमें दो रनवे और एक हवाई पट्टी होगी। यह एक साथ 30 विमानों को ले जाने में सक्षम होगा।

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